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Choti Diwali 2024: प्रति वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को छोटी दिवाली यानी नरक चतुर्दशी का पावन पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक छोटी दिवाली के दिन भगवान हनुमान का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है, इसलिए इस दिन हनुमान जी की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। इस दिन यम के नाम पर भी दीए जलाए जाते हैं, मगर इस बार छोटी दिवाली की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति है, कई लोग इसे 30 अक्टूबर को मना रहे हैं, जबकि कुछ इसे 31 अक्टूबर को भी मनाएंगे। ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि इस साल नरक चतुर्दशी का पावन पर्व कब मनाया जाएगा, 30 या 31 अक्टूबर।

छोटी दिवाली 2024: तिथि और शुभ मुहूर्त

द्रिक पंचांग के मुताबिक, इस वर्ष छोटी दिवाली दिवाली के ही दिन पड़ रही है। ये 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी।

अभ्यंग स्नान मुहूर्त - प्रातः 05:20 से प्रातः 06:32 तक

चतुर्दशी तिथि आरंभ - 30 अक्टूबर 2024 को दोपहर 01:15 बजे

चतुर्दशी तिथि समाप्त - 31 अक्टूबर 2024 को दोपहर 03:52 बजे

छोटी दिवाली 2024: महत्व

हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक, इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस को हराया था। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने ब्रह्म मुहूर्त में नरकासुर नामक राक्षस को हराने के बाद तेल से स्नान किया था। इसलिए, इस दिन भक्तों को भोर से पहले तेल से स्नान करना चाहिए। दिवाली से एक रात पहले भगवान यम के सम्मान में दक्षिण दिशा में एक दीया जलाना भी सौभाग्यशाली माना जाता है। दीये का नाम यम दीप है। ऐसा कहा जाता है कि दिवाली से एक दिन पहले यम के नाम पर एक दीया जलाने से अचानक मृत्यु का भय दूर होता है। शाम को 14 दीये जलाए जाते हैं और एक चौमुखी दीया यम के नाम पर होता है, जिसे घर के बाहर रखा जाता है। इस दिन लोग अपने पड़ोसियों, दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं और मिठाइयाँ बाँटते हैं।

छोटी दिवाली 2024: पूजा विधि

प्रातः स्नान: इस दिन प्रातः सूर्योदय से पहले उबटन और तिल के तेल से स्नान करें। इस दिन जल्दी उठकर स्नान करने से कई शुभ फल प्राप्त होते हैं।

दीपक जलाना: नहाने के बाद घर के मुख्य द्वार पर और अन्य जगहों पर दीपक जलाएं। ऐसा करने से आप नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में सफल होते हैं। साथ ही दीपक जलाने से भगवान के साथ-साथ आपके पूर्वज भी प्रसन्न होते हैं।

भगवान की पूजा: इस दिन पूजा स्थल पर दीप, धूपबत्ती आदि जलाएं। इसके बाद भगवान कृष्ण, माता काली और यमराज की पूजा करें। श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध करने के लिए देवी काली का आह्वान किया था। यमराज के लिए एक दीपक जलाकर घर के बाहर रखें, जिसे यम दीप कहते हैं।

नैवेद्य अर्पित करें: पूजा के दौरान देवताओं को मिठाई, फल और अन्य प्रसाद अवश्य चढ़ाएं।

प्रार्थना और मंत्र: पापों से मुक्ति के लिए भगवान से प्रार्थना करें। पूरे परिवार के कल्याण के लिए विशेष मंत्रों का जाप करें। आप भगवान कृष्ण, माता काली, हनुमान जी के मंत्रों का जाप कर सकते हैं। इसके साथ ही इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी विशेष लाभ मिलता है। 

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