मध्य प्रदेश में कुछ दिनों बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक देना शुरू कर दिया है। पार्टी का जिन इलाकों में खास फोकस है, उनमें पहला नाम ग्वालियर चंबल का है। इस इलाके को कांग्रेस का मजबूत गढ़ माना जाता रहा है। यहां से पहले माधवराव सिंधिया और उनके बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस संगठन को धार देते रहे हैं।
दशकों से पार्टी के लिए यह मजबूत किले के रूप में गिना जाता है। मगर दो हज़ार 22 में सत्ता के उलटफेर और ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस ने अपने इस किले को बचाए रखने के लिए खास फोकस कर दिया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को ग्वालियर में रैली को संबोधित किया। प्रियंका 40 दिन में दूसरी बार मध्यप्रदेश पहुंची।
प्रियंका सबसे पहले रानी लक्ष्मीबाई के स्मारक पहुंची। वहां उन्होंने महान स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद प्रियंका ने मेला मैदान में जनसभा को संबोधित किया। यह रैली कांग्रेस के लिए बेहद अहम मानी जा रही है। दरअसल, कांग्रेस ग्वालियर से अपनी जड़ें नहीं छोड़ना चाहती है। सिंधिया राजवंश ने एक समय ग्वालियर की तत्कालीन रियासत पर शासन किया है।
कांग्रेस के सामने ये बड़ी चुनौती
यहां पार्टी पर सिंधिया परिवार की छाप भी रही है। हालांकि अब सिंधिया कांग्रेस के साथ नहीं है। ऐसे में संगठन के सामने उसे मजबूती से खड़े रखने की चुनौती है। यही वजह है कि पार्टी दो हज़ार 20 के बाद उस इलाके में खास फोकस रखना चाहती है। कांग्रेस का ग्वालियर चंबल पर खास फोकस।
पार्टी ने दो हज़ार 18 के विधानसभा चुनाव हो या 2020 उपचुनाव हो या फिर नगर निकाय या पंचायत चुनाव, इन सभी फॉर्मेट के चुनाव में कांग्रेस को जबर्दस्त जीत मिली है। दो हज़ार 18 के चुनाव में कांग्रेस ने ग्वालियर चंबल से 8 शहरों की कुल 34 सीटों में से 26 सीटें जीती थी, जबकि भाजपा को सात और बसपा को एक सीट मिली थी।
सिर्फ चंबल संभाग के तीन जिलों की 13 सीटों में 10 कांग्रेस के खाते में आई थी। ग्वालियर चंबल में कांग्रेस के कितने अभेद किले? पहला दिग्विजय सिंह का गढ़ राघोगढ़ इलाका है। दूसरा भिंड जिले का लहार क्षेत्र है। यहां गोविंद सिंह का दबदबा है। तीसरा शिवपुरी जिले का पिछोर माना जाता है। यहां से केपी सिंह 30 साल से विधायक हैं। ग्वालियर जिले के भितरवार इलाके में भी कांग्रेस की पकड़ है।
ग्वालियर जिले की डबरा सीट भी कांग्रेस के कब्जे में ही है। कांग्रेस चुनाव को लेकर काफी आक्रामक अंदाज में प्रचार में जुट गई है। प्रियंका गांधी लगातार प्रदेश में प्रचार कर रहीं हैं। जल्दी राहुल गांधी के भी प्रचार अभियान से जुड़ने की खबरें हैं। जिस तरीके से कांग्रेस ने एक बार फिर ग्वालियर चंबल संभाग की घेराबंदी शुरू कर दी है। इससे इतना तो साफ है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपने साथ जोड़ लेने के बाद भी भाजपा को क्षेत्र में काफी पापड़ बेलने पड़ेंगे।
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