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राजस्थान में चुनावी सरगर्मी के चलते सियासी दलों के भीतर प्रत्याशियों के टिकट को लेकर मंथन जारी है। धौलपुर जिले में 4 में से तीन सीटों पर कांग्रेस और एक पर भाजपा काबिज थी। मगर धौलपुर विधायक शोभारानी कुशवाह के पार्टी से निष्कासन के बाद यहां पर भाजपा की गणित गड़बड़ा गई है।

यूं तो कभी कांग्रेस का गढ़ कहा जाता था, मगर वसुंधरा राजे की एंट्री के बाद से ही इस गढ़ में सेंध लगनी शुरू हो गई। फिलहाल कांग्रेस के तीनों विधायकों में भी गुटबाजी हावी है। धौलपुर विधायक शोभारानी कुशवाह ने भी भाजपा से निष्कासित होने के बाद कांग्रेस की तरफ रुख कर लिया है और अब कांग्रेस से टिकट की प्रबल दावेदार हैं।

सियासी तस्वीर की बात करें तो पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के समर्थक और वर्तमान भाजपा संगठन के कार्यकर्ता अलग अलग नजर आ रहे हैं, जिसका खामियाजा भी भाजपा को उठाना पड़ सकता है। धौलपुर विधानसभा क्षेत्र से बीएसपी ने यहां पूर्व मंत्री बनवारी लाल शर्मा के भतीजे रितेश शर्मा को उम्मीदवार घोषित कर दिया है।

ब्राह्मण और कुशवाह वोट बैंक सबसे ज्यादा

इस सीट पर ब्राह्मण और कुशवाह वोट बैंक सबसे ज्यादा होने के चलते दोनों ही समाज से प्रत्याशियों को जीत हासिल हुई है। यहां लगातार दो बार से भाजपा से शोभारानी कुशवाह विधायक बनी हुई हैं, मगर अब वो कांग्रेस की प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं। यदि बात भाजपा की करें तो पार्टी से डॉक्टर शिवचरण कुशवाह और विवेक बोरा प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं। डॉक्टर शिवचरण कुशवाह शोभारानी के खास हैं और दो हज़ार 18 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे मगर उनको हार का सामना करना पड़ा।

वहीं बाड़ी विधानसभा से कांग्रेस के गिर्राज सिंह मलिंगा विधायक हैं और लगातार तीन बार से इस सीट पर कब्जा बनाए हुए हैं। गिर्राज सिंह मलिंगा साल दो हज़ार 8 में बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। कांग्रेस एक बार फिर से गिर्राज सिंह मलिंगा प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। पूर्व विधायक जसवंत सिंह गोचर और प्रशांत परमार प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं।

यदि बात राजाखेड़ा सीट की करें तो यहां प्रद्युम्न सिंह के बेटे रोहित बोरा विधायक हैं। वर्तमान में भी कांग्रेस की तरफ से रोहित बोरा ही प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं। जबकि भाजपा से दिवंगत अशोक शर्मा की पत्नी नीरजा शर्मा और एमपी के पूर्व डीजीपी पोल पवन जैन प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं।

जबकि बसेड़ी विधानसभा क्षेत्र में दो बार भाजपा और एक बार कांग्रेस ने अपना परचम फहराया है। एससी आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा अपने टिकट को लेकर आश्वस्त हैं, मगर इसी क्षेत्र से सांसद प्रत्याशी रहे संजय जाटव भी कांग्रेस से दावा ठोक रहे हैं। वही भाजपा के पूर्व विधायक सुखराम कोली, पूर्व विधायक रानी सिलोटिया का नाम भी दौड़ में शामिल है।

वसुंधरा राजे का पूर्वी धौलपुर से खास नाता रहा है। उनकी शादी धौलपुर के जाट राज घराने में हुई थी। इस लिहाज से धौलपुर जिला राजस्थान की राजनीति में एक अहम स्थान रखता है। 

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