नागरिकता कानून को लेकर देश में जहाँ हिंसा का माहौल बढ़ रहा है, वहीँ दूसरी तरफ सरकार प्याज के दाम में भी कोई कमी नहीं आ रही है. कई जगहों पर तो ये 200 रूपए किलो से ज़्यादा के दाम पर बिक रहा है. लेकिन सरकार से सवाल करने पर गोलमोल जवाब दिए जा रहे है, वित्त मंत्री का कहना है कि मेरे घर में प्याज़ का कोई प्रयोग नहीं होता है. वहीँ एक मंत्री का कहना है कि मुसलमान ही प्याज ज़्यादा खाते है.
निजी कंपनियों और सरकारी कंपनी के आयात के बावजूद बाजार में प्याज 120 से 130 रुपये प्रति किलो पर बिक रहा है। कारोबारियों का कहना है कि प्याज की खुदरा कीमत में तभी कमी होगी, जबकि सरकारी कंपनी द्वारा आयातित प्याज बहुतायत में बाजार में आएगी।
आपको बता दें कि भारतीय सीमा शुल्क विभाग के जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह में तैनात एक अधिकारी के मुताबिक वहां बीते 11 नवंबर से ही आयातित प्याज का जहाज आना शुरू हो गया है। शुरुआत में निजी कंपनियों के प्याज आये, जिसकी लैंडेड प्राइस 375 डॉलर प्रति टन थी।
इसके कुछ दिनों बाद जो प्याज का कंसाइनमेंट आया, उसकी लैंडेड प्राइस 400 डॉलर प्रति टन थी। इस समय वित्त मंत्रालय ने आयातित वस्तुओं के लिए अमेरिकी डॉलर का विनिमय दर 72.20 रुपये तय किया हुआ है। इस हिसाब से 375 डॉलर पर आयातित प्याज की कीमत 27.15 रुपये प्रति किलो पड़ी जबकि 400 डॉलर वाले प्याज की कीत 28.40 रुपये प्रति किलो।
27 रुपये किलो पर आयातित प्याज की दिल्ली में कीमत 32 रुपये किलो पड़ेगी। यह 62 रुपये किलो इसलिए बिक रहा है क्योंकि वहीं से महंगी आपूर्ति आई है। थोक बाजार से 62 रुपये किलो खरीद कर भी खुदरा विक्रता भी 100 फीसदी के मुनाफे पर बेच रहे हैं।