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नोएडा। नोएडा की ग्रैंड ओमेक्स सोसायटी से करोड़ो रूपये के घोटाले की खबर सामने आ रही है। आपको भी सुनकर ताज्जुब होगा कि एक रेजीडेंस सोसाइटी में करोड़ों का घोटाला कैसे हो सकता है। पर सोसाएटी के रेजीडेंट्स ने बाकायद पुलिस आयुक्त नोएडा को पत्र लिखकर घपले की शिकायत की है और वर्ष 2017 से 2022 तक सोसाएटी के बोर्ड सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

सालाना खाते का आडिट नहीं

शिकायतकर्ताओं के मुताबिक आरोपी बोर्ड मेंबर्स ने इन वर्षों में करोड़ो का घोटाला किया है। उनका कहना है कि 2017 की शुरुआत से ही कुछ निवासियों ने औपचारिकता पूरी किये बगैर सोसाइटी का बिल्डर से अधिग्रहण कर लिया। तब से, चार चुनाव हो चुक हैं। उसके बाद चार बोर्ड गठित किए गए हैं। अगस्त 2022 से एक अंतरिम बोर्ड काम कर रहा है। एक भी वित्तीय दस्तावेज, जीओएम आदि डिप्टी आरओएस के आ​फिस में कभी जमा नहीं किया गया और न ही उनके द्वारा कहने पर कभी दिया गया। वर्ष 2021—22 के सालाना खाते का न ही बाहरी आडिटर से आडिट कराया गया और न ही डिप्टी आरओएस के आफिस में आडिट के लिए जमा किया गया।

रेजीडेंट्स को नहीं दिया जा रहा खर्च का ब्यौरा

बोर्ड ने रेजीडेंट्स द्वारा मांगे गए खर्च का ब्यौरा भी उपलब्ध नहीं कराया। रेजीडेंट्स द्वारा आरटीआई के जरिए इसका ब्यौरा मांगा गया तो बोर्ड डिप्टी आरओएस आफिस को जवाब नहीं दे रहा है। फिर डिप्टी आरओएस मेरठ ने मामले की गंभीरता को समझते हुए 2017—18 से 2021—22 तक के खातों की जांच का आदेश दिया।

फॉरेंसिक ऑडिट की सिफारिश

2019 में सोसाइटी का अपंजीकृत हो गई। तब से इसका रजिस्ट्रेशन भी नहीं कराया गया। अंतरिम कोषाध्यक्ष सीवी सुब्रहमण्यम बिना निर्वाचित हुए ही काम देख रहे हैं। फिलहाल एक संक्षिप्त आडिट रिपोर्ट जनवरी 2023 में सामने आई। उसमें 20 करोड़ के घोटाले की आशंका जताई गई है। बोर्ड की तरफ से Dy. ROS द्वारा नियुक्त आडिटर को आडिट करने के लिए सारे दस्तावेज भी प्रस्तुत नहीं किए। दिसंबर 2022 की शुरुआत में लेखा परीक्षकों ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। नमूना जांच में घपला सामने आने के बाद फॉरेंसिक ऑडिट की सिफारिश की गई है।

ये अनियमितताएं सामने ला रही हैं स्कैम

1. 2017-18 से लेनदारों की सूची के संबंध में लेखापरीक्षकों को कोई डेटा/दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया था।
2. डीजल खपत का कोई स्टॉक रजिस्टर प्रस्तुत नहीं किया गया
3. अन्य आय पर कोई डेटा उपलब्ध नहीं कराया गया।
4. एनओसी आय के आंकड़े उपलब्ध नहीं कराए गए
5. निश्चित अनुबंधों की कोई प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई
6. स्क्रेप की बिक्री का कोई बैक अप दस्तावेज़ उपलब्ध नहीं कराया गया
7. जीएसटी पोर्टल प्रति टेली से मेल नहीं खा रहा है
8. बुक किए गए बिल और किए गए भुगतान मेल नहीं खाते
9. वेंडरों को काम पर रखने के लिए कोई डेटा उपलब्ध नहीं कराया गया है
10. निविदा आमंत्रित करने की प्रक्रिया पर कोई डेटा उपलब्ध नहीं कराया गया।
11. अनुबंधों को किराए पर लेने और अंतिम रूप देने के लिए बैठक का कार्यवृत्त उपलब्ध नहीं कराया गया
12. ESI/PF सारांश रिपोर्ट के साथ उपस्थिति रजिस्टर उपलब्ध नहीं कराया गया
13. पेंट और मरम्मत का पूरा बिलिंग रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया गया
14. दस्तावेजों के प्रस्तुतीकरण के अभाव में पेंट और मरम्मत के लिए सामग्री/ जीएसटी की लागत की जांच नहीं की जा सकी।
15. सीसीटीवी/लिफ्ट बिल और दस्तावेजों को साबित करने के लिए खर्च नहीं किया गया।
16. मरम्मत और रखरखाव के लिए खरीदारी - बिल 1.07.0549के बिल उपलब्ध नहीं
17. सुविधा प्रबंधन व्यय-17.76,446.13 का चालान उपलब्ध नहीं 
18.विद्युत रखरखाव के संबंध में 3,65,099 का कोई बिल लेखा परीक्षकों को प्रदान नहीं किया गया।

एकाउंट और टैक्स कानूनों का खुला उल्लंघन

निश्चित अनुबंध: अनुबंधों की कोई प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई
आईजीएल आय: कोई बैकअप दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया
बीमा: कोई बैकअप दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया
खराब करण बट्टे खाते में डालना: जीबीएम का कोई अनुमोदन उपलब्ध नहीं कराया गया
जीएसटी पोर्टल: टैली के अनुसार मेल नहीं खा रहा है
एक विक्रेता को काम पर रखने के तिए कोई डेटा उपलब्ध नहीं कराया गया
कोटेशन आमंत्रित करने की प्रक्रिया का कोई डेटा उपलब्ध नहीं कराया गया
ईएसआई/पीएफ सारांश रिपोर्ट के साथ उपस्थिति रजिस्टर उपलब्ध नहीं कराया गया। 

 

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