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चुनावी रणनीतिकार के रूप में देश में सबसे ज्यादा चर्चित प्रशांत किशोर अपनी जन सुराज पदयात्रा के क्रम में सोमवार को किसानों से बात करते हुए कहा कि बिहार में कृषि मुताबिक प्राकृतिक संसाधन मौजूद हैं। यहां के किसान मेहनती हैं और बिहार में पानी की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि बिहार के किसानो की आय पंजाब के किसानों के बराबर कर दिया जाए तो बिहार का आधा कष्ट खत्म हो जायेगा। गांधी जयंती से प्रारंभ जन सुराज पदयात्रा के दूसरे दिन सोमवार को किशोर गौनाहा प्रखंड के स्थानीय जन प्रतिनिधियों के साथ जन सुराज शिविर में जन सुराज की सोच पर संवाद किया। इसके बाद उन्होंने गौनाहा स्थित बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।

प्रखंड मुख्यालय से सैकड़ों लोगों के साथ पदयात्रा करते हुए प्रशांत किशोर ने दोमठ स्थित दुर्गा मंदिर में थारू समुदाय द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लिया और कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। प्रशांत किशोर ने पदयात्रा के क्रम में अपना ज्यादातर समय लोगों से मिलने-जुलने व उनकी समस्याओं को समझने में लगाया।

किसानों से बात करते हुए किशोर ने कहा कि बिहार में कृषि मुताबिक प्राकृतिक संसाधन मौजूद हैं। यहां के किसान मेहनती हैं और बिहार में पानी की कोई कमी नहीं है। यहां पानी ज्यादा है, लोग मेहनतकश है, जमीन की उपजाऊ क्षमता बाकी राज्यों से बेहतर है, ना यहां पंजाब व हरियाणा जैसे राज्यों के बीच नहरों का विवाद है इसके बावजूद यहां किसानों की हालत देश में सबसे खराब है। उन्होंने कहा कि बिहार में किसानों को ना समय से खाद मिल पाती है ना उनकी फसलों का भुगतान हो पाता है।

उल्लेखनीय है कि किशोर बिहार के पश्चिम चंपारण जिले स्थित भितिहरवा गांधी आश्रम से इस पदयात्रा की शुरूआत की है। 3 अक्तूबर को पदयात्रा के दूसरे दिन प्रशांत किशोर ने 10 किलोमीटर का सफर पैदल तय किया। यात्रा की शुरूआत गौनाहा प्रखंड से पैदल चलते हुए प्रशांत किशोर और उनके साथ सैकड़ों पदयात्री रात्रि विश्राम के लिए जमुनिया पहुंचे।

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