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उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की संदिग्ध मौत को लेकर बवाल मचा हुआ है, जहाँ एक तरफ सरकार हर कार्यवाई का आश्वासन दे रही है, वहीँ विपक्षी पार्टियां सरकार पर सवाल खड़ा कर रही है. आपको बता दें कि मामले की शुरुआत से ही पुलिस गोलमाल कर रही है. वहीँ बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है।

आपको बता दें कि मृतक की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता की शिकायत पर रामगढ़ ताल थाना प्रभारी समेत 3 पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि होटल में छापेमारी के दौरान हादसे में घायल एक व्यापारी मनीष गुप्ता की संदिग्ध मौत के मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में SSP द्वारा रामगढ़ताल थाना प्रभारी समेत 6 पुलिसकर्मियों को पहले ही निलंबित किया चुका है।

वहीं इस मामले में अब सियासत भी शुरू हो चुकी है। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव आज पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे और योगी सरकार की कार्यप्रणाली पर निशाना साधा। वहीं उत्तरप्रदेश में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने कहा कि मनीष की मौत गिरने से हुई है। तलाशी के दौरान उनके पास जरूरी कागजात नहीं थे, इसलिए वे भागने का प्रयास कर रहे थे।

छापेमारी के दौरान पुलिस पर हाथापाई का आरोप

आपको बता दें कि सोमवार की रात पुलिस अपराधियों की सूचना पर रामगढ़ताल थाना क्षेत्र स्थित होटल में छापेमारी करने गई थी, तब छापेमारी के दौरान होटल के कमरे में ठहरे मनीष गुप्ता और उसके दोस्तों से पुलिस की हाथापाई हो गई। पुलिस ने दावा किया है कि मनीष गुप्ता की बिस्तर से गिरने से सिर में गंभीर चोट आई, जिसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई थी। मनीष के दोस्तों और उसकी पत्नी का आरोप है कि मनीष की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है। मनीष की पत्नी की शिकायत पर हत्या का मामला दर्ज किया है।

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