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लखनऊ। प्रदेश की महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाति सिंह ने कानपुर नगर के राजकीय बाल गृह (बालिका) में नाबालिगों के गर्भवती होने के तथ्यहीन और भ्रामक समाचार को संज्ञान में लेते हुए जिला प्रोबेशन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे मीडिया से नियमित संवाद के जरिए वास्तविक तथ्यों से अवगत करायें, जिससे भविष्य में इस प्रकार के झूठे समाचार प्रसारित न हों। इसके साथ ही संस्थाओं का नियमित गहन निरीक्षण करें।

minister swati singh

विभागीय मंत्री ने मंगलवार को प्रदेश के सभी जिला प्रोबेशन अधिकारियों, मण्डलीय उप निदेशकों तथा राजकीय संस्थाओं के सभी संस्थाध्यक्षों की ऑनलाइन समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए।

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इस दौरान बताया गया कि वर्तमान में प्रदेश के 17 राजकीय बाल गृह (बालिका) एवं राजकीय महिला शरणालयों में पॉक्सो अधिनियम से सम्बन्धित अपराधों से पीड़ित 257 बालिकाएं-महिलाएं निवास कर रही हैं, जिनमें से 20 गर्भवती हैं। ये सभी संस्था में प्रवेश के समय ही गर्भवती थीं।

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इन सभी संस्थाओं, विशेष तौर पर बालिकाओं-महिलाओं से सम्बन्धित संस्थाओं में चौबीस घंटे एक सुरक्षाकर्मी की तैनाती होती है। सुरक्षाकर्मी आने वालों का कारण जानने के बाद संतोषजनक पाये जाने पर ही प्रवेश देता है। इसके साथ ही प्रवेश पंजिका में उसकी प्रविष्टि दर्ज की जाती है। प्रवेश द्वार समेत सभी महत्वपूर्ण स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगे होते हैं।

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इन स्थानों पर व्यवासियक प्रशिक्षण और रोजगार उपलब्ध कराने का भी प्रयास किया जाता है। विगत वर्ष में 889 बालक-बालिकाओं को व्यवायिक प्रशिक्षण से जोड़ा गया व 258 को रोजगार उपलब्ध कराया गया। वर्तमान में विभाग 67 संस्थाओं का संचालन कर रहा है, जिनकी संवासियों की कुल क्षमता 3,675 है। इसके मुकाबले वर्तमान में यहां 3,963 संवासी निवास कर रही हैं। वहीं बीते दो महीनों विधि का उल्लंघन करने वाले 679 बालकों को नियमित व अंतरिम जमानत के जरिए प्रदेश के विभिन्न राजकीय सम्प्रेक्षण गृहों से मुक्त कराते हुए उनके परिवार से समेकित किया गया।

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इसके साथ ही प्रदेश में बालिकाओं को संरक्षण प्रदान करने के लिए अतिरिक्त क्षमता के सृजन की आवश्यकता के मद्देनजर जनपद गौतमबुद्धनगर में 100 की क्षमता का राजकीय बाल गृह (बालिका) का संचालन शीघ्र प्रारम्भ कर दिया जायेगा।

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