नेपाल-भारत के बीक इन दिनों कुछ भी ठीक नही चल रहा है. आपको बता दें कि ऐसे में भारत के साथ नक्शा विवाद और रिश्तों में कड़वाहट घोलने के बाद नेपाल अब चीन की शह पर अमेरिका को झटका देने की कोशिशों में जुटा है। कुछ कथित खबरों के मुताबिक पेइचिंग नेपाल के सत्तारूढ़ दल को अमेरिका की एक मदद को ठुकराने के लिए दबाव बना रहा है।
आपको बता दें कि भारत के साथ सीमा गतिरोध के बीच नेपाल ने नया नक्शा बनाया है। इस नक्शे में लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाल ने अपने क्षेत्र में दिखाया है। भारत नेपाल के इस नक्शे को खारिज कर चुका है। मिलैनियम चैलेंज कोऑपरेशन (MCC) के तहत अमेरिका ने नेपाल की एक परियोजना के लिए मदद दे रहा है।
वहीँ ज्ञात हो कि वॉशिंगटन 2017 इस मदद को सहमत हुआ था। ईटी को पता चला है कि अमेरिका की इस मदद के लेने पर सहमति जताने के कारण चीन और सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (NCP) के रिश्तों में तल्खी आई थी। कहा जा रहा है कि चीन अब इस मदद में अड़ंगे लगा रहा है।
गौरतलब है कि अमेरिका ने 500 मिलियन डॉलर की मदद को तैयार हुआ था जबकि नेपाल 130 मिलियन डॉलर खुद निवेश करता। इस मदद से नेपाल एक पावर ट्रांसमिशन लाइन और 300 किलोमीटर सड़कों को अपग्रेड करने वाला था। काठमांडू से ईटी को एक सूत्र ने बताया कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाला NCP सरकार में इस मदद को लेकर मतभेद की खबरें आई थीं क्योंकि उन्हें डर था कि इस मदद के कारण चीन के साथ रिश्ते खराब हो सकते हैं।