नई दिल्ली॥ COVID-19 का तोड़ निकालने के लिए विश्व के हर साइंटिस्ट और डॉक्टर शोध पर शोध कर रहे हैं। इसी के साथ हर शोध में COVID-19 यानी की कोरोऩा का एक नया खुलासा देखने को मिलता है। इस बार भी एक रिसर्च में एक और खतरनाक सच सामने आया है। जॉर्जिया के एमॉरी यूनिवर्सिटी ऑप्ऊ एटलांटा के हॉस्पिटलों में एडमिट कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार करने वाले चिकितस्कों को जांच करते हुए पाया कि 20 से 40 फीसदी मरीजों में खून का थक्का मिला है।
सूचना के लिए बता दें कि इंडिया में भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिसके कारण मरीजों की मौत हो चुकी है। डॉ. क्रेग कॉपरस्मिथ ने शोध करते हुए बताया कि तकलीफ रोगियों में तब दिखी जब खून पतला करने की दवा चल रही थी। मैमोनाइड्स मेडिकल सेंटर के फिजिशियन डॉ. पॉल सौंडर्स का भी ये कहना है कि खून का थक्का बड़ी रक्त वाहिकाओं और छोटी रक्त वाहिकाओं में होता है।
इन्होंने सूचना देते हुए बताया कि ये दोनों रक्त वाहिकाएं शरीर के कई हिस्सों में होती है। ऐसे में खूऩ का थक्का फेफड़ों, पैरों या फेफड़ें की पल्मोनरी एमबोली में जम होता है। इससे ये कहा जा सकता है कि कोरोऩा दिल का दुश्मन है क्योंकि कोविड-19 की हृदय की मांसपेशियों को क्षतिग्रस्त पहुँचाता है।
इससे पहले भी एक शोध में पाया गया था कि कोरोना के लक्षणों एक चीज़ देखने को मिली है जहां यदि किसी मनुष्य को पैरों में छोटी-छोटी सफेद फुंनसियां देखने को मिले तो इसका मतलब है कि शख्स पर कोविड-19 का अटैक हो गया है। इसी के साथ जानकारी दे दें कि कोरोना जुकाम-खांसी और बुखार ही नहीं बल्कि और की लक्षण हैं जो कोरोना आने के संकेत देते हैं। तो डेली न्यूज आप से गुजारिश करता है कि कृपा सावधानी अधिक से अधिक बरतें।