अब होगा कोरोऩा का जड़ से सफाया, हिंदुस्तान के इस अस्पताल ने पाई सफलता, वायरस को मारने वाले वैक्सीन का ट्रायल हुआ सफल

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ऩई दिल्ली॥ कोविड-19 महामारी के बीच चंदीगढ़ PGI को बड़ी सफलता हाथ लग गई है। PGI ने दावा किया है कि कोविड-19 की वैकल्पिक दवा के तौर पर शुरू किए सेफ्टी ट्रायल में पॉजटिव रिस्पॉन्स मिला है। PGI ने कुष्ठ रोग के उपचार में दी जाने वाली दवा माइकोवैक्टेरियम डब्ल्यू वैक्सीन को 6 रोगियों पर आजमाया है, जिसके सकारात्मक परिणाम नजर आए हैं। अस्पताल का दावा है कि जिन्हें कोरोना ट्रीटमैंट के दौरान ऑक्सीजन की आवश्यकता थी, उन मरीजों को एमडब्ल्यू वैक्सीन की 0.3 एम.एल दवा का इंजेक्शन देने से बहुत सुधार हुआ है।

हॉस्पिटल प्रशासन ने बताया कि रोगियों पर डॉक्टरों ने निरंतर तीन दिन तक ये दवा प्रयोग की और पाया गया कि मरीज पर वैक्सीन का इस्तेमाल बिल्कुल सुरक्षित और सकारात्मक है। बता दें कि इस दवा का प्रयोग पहले कुष्ठ, तपेदिक और निमोनिया ग्रस्त पेशेंट्स पर भी किया गया था और उनमें भी दवा के इस्तेमाल को सुरक्षित पाया गया था। अब कोविड-19 के पेशेंट्स पर भी दवा सुरक्षित पाई गई है।

बीते हफ्ते ही PGI चंडीगढ़ को मोदी सरकार ने कोविड-19 वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल के लिए चुना था। काउंसिल ऑफ साइंस एंड इंडस्ट्रीयल रिसर्च (सीएसआईआर) ने कोविड-19 पर कुष्ठ रोग में प्रयोग होने वाली वैक्सीन माइकोवैक्टेरियम डब्ल्यू (एमडब्ल्यू) के क्लीनिक ट्रायल की मंजूरी दी थी।

हॉस्पिटल प्रशासन ने बताया कि PGI चंडीगढ़ ने भारत सरकार के विश्वास बरकरार रखा है। अगर इसको सरकार से मंजूरी मिल जाती है तो आने वाले दिनों में यह वैक्सीन कोरोना के रोगियों पर और स्थानों पर भी आजमाया जाएगा। सीएसआईआर गुजरात की फार्मा कंपनी कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड के साथ मिलकर एमडब्ल्यू वैक्सीन का कोविड-19 पर क्लीनिकल ट्रायल आगे भी जारी रहेगा। इस क्लीनिकल ट्रायल में PGI चंडीगढ़ के साथ दिल्ली एम्स और भोपाल के एम्स को भी मंजूरी मिली है।

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PGI चंडीगढ़ के अलावा कोविड-19 मरीजों पर इस दवा का ट्रायल ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैडिकल साइंस (एम्स) दिल्ली और भोपाल में भी किया जा रहा है। चंडीगढ़ के PGI में इस समय कोरोना के 12 मरीजों का उपचार चल रहा है।

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