कोविड-19 को लेकर अमेरिका ने चीन पर लगाया सबसे बड़ा और गंभीर आरोप, दोनों देशों में तनाव बढ़ने के आसार

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न्यूयॉर्क॥ यूएसए के अफसरों ने कहा कि चीन से जुड़े हैकर्स कोविड-19 पर रिसर्च कर रहे संगठनों को निशाना बना रहे हैं। बीबीसी ने गुरुवार को FBI के हवाले से कहा, जांच एजेंसी ने वैक्सीन, इलाज व ट्रायल पर रिसर्च कर रहे अमेरिकी समूहों पर हैकिंग के प्रयासों को देखा है। यूएसए बहुत वक्त से चीन की सरकार पर साइबर जासूसी का आरोप लगाता आया है और बीजिंग ने हमेशा इससे मना किया है।

कोविड-19 संकट को लेकर दोनों देशों में तनाव बढ़ा है। दोनों देशों ने एक दूसरे पर वायरस के प्रभाव को रोकने पर विफल रहने का आरोप लगाया है। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, पूरे विश्व में अब तक कुल 43 लाख लोग कोविड-19 से संक्रमित हुए हैं, जबकि महामारी की चपेट में आए अमेरिका के 83 हजार से अधिक लोग और चीन के 4 हजार 600 से अधिक लोगों को कोविड-19 संक्रमण के चलते अपनी जान गंवानी पड़ी है।

FBI और होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट के एक डिविजन, सीआईएसए ने बुधवार को एक दुर्लभ संयुक्त चेतावनी जारी की। FBI और सीआईएसए ने ज्वाइंट स्टेटमेंट में कहा, कोरोना संकट से निपटने में लगे हेल्थ केयर, फार्मास्यूटिकल और रिसर्च सेक्टर्स से जुड़े लोगों को इस बात की खबर होनी चाहिए कि वे हैकर्स के प्रमुख लक्ष्य हैं। उन्होंने कहा कि इस बात के सबूत है कि साइबर चोर कोविड-19 के उपचार पर मूल्यवान बौद्धिक संपदा और सार्वजनिक स्वास्थ्य डेटा को पहचानने और अवैध रूप से प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं।

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तो वहीं दूसरी ओर ड्रैगन इन सब आरोपों को गलत बता रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने इसी हफ्ते की शुरुआत में कहा, हम कोरोना संकट के इलाज और वैक्सीन के रिसर्च में विश्व का नेतृत्व कर रहे हैं। सबूत के अभाव में चीन के विरूद्ध झूठ को बढ़ाना व निंदा करना ठीक नहीं है।

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