आज हम बताएंगे कैसे पुतिन के प्लान से अमेरिका और नाटो के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। बेलारूस में हथियारों की तैनाती के बाद अमेरिका और नाटो ने क्या प्लान बनाया और कैसे रूस और नाटो में जंग का बिगुल बज सकता है? रूस और यूक्रेन जंग के बीच पुतिन के प्लान से नाटो देश सहमे हुए हैं। रूस के एटमी हथियारों की तैनाती से पुतिन ने नाटो देशों को तीन तरफ से घेर लिया है।
रूस के प्लान के विरूद्ध नाटो ने भी चक्रव्यूह तैयार कर लिया है। बाल्टिक से लेकर भूमध्य सागर मोर्चा बना लिया है। जैसे पर किसी भी वक्त जंग की चिंगारी भड़कने की आशंका बनी हुई। अमेरिका और नाटो का प्लान आपको दिखाएंगे, लेकिन उससे पहले समझ लीजिए। नाटो क्यों रूस से डरा हुआ है। जैसे रूस ने खतरनाक ऐटमी मोर्चा तैयार किया है। दुनिया के नक्शे को जरा ध्यान से समझ लीजिए।
अमेरिका और नाटो का नया प्लान आया सामने
नाटो के विरूद्ध रूस ने कोला प्रायद्वीप, बाल्टिक सागर में गाल ग्राम, बेलारूस और काला सागर में मौजूद क्रीमिया परमाणु हथियार तैनात किए हैं। रूस का यह ऐटमी मोर्चा नाटो देशों के लिए दहशत का सबब बन गया। क्योंकि यूक्रेन जंग में नाटो देश लगा था। यूक्रेन को हथियार भेजने से बाज नहीं आ रहे, जिससे रूस ने एटमी हथियारों से जवाब देने की ठान। रूस का ही नाटो के विरूद्ध मोर्चा खोल दे। उसे देखते हुए रूस से लगी पूरी सीमा अमेरिका और नाटो देशों ने सील करने की तैयारी तेज कर दी है। अमेरिका और नाटो का नया प्लान सामने आया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक बाल्टिक सागर से लेकर भूमध्य सागर तक नाटो ने मोर्चा बनाया, जिसके तहत 40,000 सैन्य एयरक्राफ्ट और 27 जंगी जहाज तैनात होंगे। जबकि अगले 30 दिन में योरप में 3 लाख नाटो सैनिकों की तैनाती की जाएगी। जानकारी के मुताबिक नाटो ने एक तरफ एस्टोनिया से लेकर रोमानिया तक रूस की सीमा के करीब मोर्चा बनाया तो दूसरी तरफ नए प्लान के तहत तीन जोन में सेना की तैनाती को बांटा।
पहला आंतरिक और अटलांटिक दूसरा गोल एल्प्स का उत्तरी इलाका है और तीसरा दक्षिणी जौरा में। बताया जा रहा है कि नाटो के नए प्लान को अमली जामा पहनाने के लिए लिथुआनिया में नाटो की मीटिंग होने वाली है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी शामिल होंगे और रूस को घेरने की रणनीति पर मुहर लगाई जाएगी।
जानकारी के मुताबिक नाटो को सबसे ज्यादा सुरक्षा की चिंता रूस, बेलारूस और यूक्रेन की सीमा से सटे देशों की है। जिसमें फिनलैंड, एस्टोनिया, लिथुआनिया, पोलैंड और रोमानिया शामिल हैं। नाटो के नए प्लान के मुताबिक इसीलिए देशों में 40,000 नाटो सैनिक स्टैंडबाय पर रखे गए हैं, जबकि 100 फाइटर जेट हर दिन फ्लाइट ऑपरेशन को अंजाम देंगे। वहीं समंदर में भी बाल्टिक सागर और भूमध्य सागर में तैनात रहेंगे।
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