_726667565.png)
Up Kiran, Digital Desk: भारत सरकार एक बार फिर वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। आगामी 3 और 4 सितंबर 2025 को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लग सकती है। इनमें सबसे चर्चित सुझाव यह है कि भोजन और कपड़े जैसी रोज़मर्रा की ज़रूरतों को एक समान 5 प्रतिशत टैक्स स्लैब में रखा जाए। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न केवल कर प्रणाली को सहज बनाएगा, बल्कि उपभोक्ताओं का बोझ भी कम कर सकता है।
खाद्य और परिधान क्षेत्र में कर राहत
अभी तक अलग-अलग उत्पादों पर अलग दर से कर चुकाना पड़ता है, जिससे वर्गीकरण विवाद पैदा होते रहते हैं। मगर जीएसटी 2.0 योजना के तहत प्रस्ताव है कि सभी खाद्य और परिधान सामान को सीधे 5 प्रतिशत दर में ला दिया जाए। अगर काउंसिल इसे स्वीकार कर लेती है तो खुदरा उपभोक्ताओं से लेकर छोटे कारोबारियों तक सभी को बड़ी राहत मिलेगी।
निर्माण क्षेत्र में सीमेंट पर ध्यान
रिपोर्ट्स के अनुसार, बैठक में सीमेंट पर लगने वाले टैक्स की कटौती भी चर्चा के केंद्र में रहेगी। अभी सीमेंट पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया जा रहा है, जिसे घटाकर 18 प्रतिशत तक लाने पर विचार किया जा रहा है। यह निर्णय मकान बनाने की लागत कम कर सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक निर्माण उद्योग कीमतों में पारदर्शिता नहीं लाता, तब तक वास्तविक लाभ उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचेगा।
बीमा क्षेत्र को बढ़ावा देने की कोशिश
जीएसटी काउंसिल द्वारा एक और अहम प्रस्ताव पर विचार हो रहा है—जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा को जीरो टैक्स स्लैब में डालना। यदि ऐसा हुआ तो बीमा पॉलिसी की प्रीमियम दरें घटेंगी और अधिक लोग बीमा सेवाओं से जुड़ पाएंगे। सरकार का मानना है कि यह पहल सामाजिक सुरक्षा बढ़ाने और व्यापक स्वास्थ्य कवरेज को गति देने में मील का पत्थर साबित हो सकती है।
क्यों ज़रूरी है यह बदलाव
जीएसटी लागू होने के आठ साल बाद भी कर ढांचे में जटिलताएं बनी हुई हैं। उपभोक्ताओं और कारोबारियों दोनों की शिकायत है कि रोजमर्रा की वस्तुओं पर जटिल स्लैब संरचना बोझ बढ़ाती है। अब सरकार TAX को सरल और न्यायसंगत बनाने की कोशिश कर रही है।
आगे की राह
अगर प्रस्ताव पास होते हैं, तो रोजमर्रा की वस्तुएं सस्ती हो सकती हैं, मकान बनाने की लागत कम हो सकती है और बीमा आम लोगों तक अधिक तेज़ी से पहुंच सकता है। यह बैठक न केवल उपभोक्ताओं बल्कि कारोबारी जगत के लिए भी निर्णायक साबित हो सकती है।
--Advertisement--