फतेहपुर. एक साल पहले मर चुके व्यक्ति की तलाश में जहां फतेहपुर की पुलिस जगह-जगह दबिश मारने का दावा कर रही है, वहीं मुर्दे के जिंदा होने के बाद जिले में हड़कंप मचा हुआ है।
रिपोर्ट में इस मुर्दे के जिंदा होने की पुष्टि
पुलिस ने भी अपनी रिपोर्ट में इस मुर्दे के जिंदा होने की पुष्टि कर दी है। आजतक आप ने किसी मरे हुए व्यक्ति को जिंदा होते हुए नहीं देखा होगा, लेकिन हम यहां आप को एक ऐसे मुर्दे के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जो अचानक से जिंदा हो गया।
ये मामला फतेहपुर जिले के कल्याणपुर थाना क्षेत्र का है। जहां ग्राम पंचायत चुनाव के समय ग्राम गुनीर के 14 लोगों के खिलाफ लूट और जान से मारने जैसी संगीन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी पिंटू सिंह को विवेचना में मुक़दमे से बरी कर दिया था। इस प्रकरण को लेकर पीड़ित विनोद विश्वकर्मा ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
कोर्ट ने मामले की विवेचना कर रहे विवेचनाधिकारी को जीडी सहित तलब किया और सभी 14 लोगों के खिलाफ एनबीडब्ल्यू वारंट इशू करते हुए तत्काल न्यायालय में पेश करने के आदेश दिये।
पुलिस ने कोर्ट में जो एनबीडब्ल्यू का जवाब दिया
आपको बता दें कि इस मामले का मुख्य आरोपी पिंटू सिंह अभी कुछ दिनों पहले की प्रदेश के डीजीपी को सम्मानित भी कर चुका है। इसकी खबर भी मीडिया में प्रमुखता आयी थी। वहीं इस मामले में एक अन्य आरोपी संतोष पटेल पुत्र गांगाराम की लगभग एक साल पहले ही मृत्यु हो चुकी है, लेकिन पुलिस ने कोर्ट में जो एनबीडब्ल्यू का जवाब दिया है उसमें दर्शाया है कि इस मामले में दबिश दी जा रही है।दबिश देने पर सभी आरोपी मौके से हट जाते हैं। इसमें सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि इसमें से एक आरोपी संतोष पटेल की मृत्यु हो चुकी है और पुलिस ने इस तथ्य से कोर्ट को अवगत तक नहीं कराया है।
अब ऐसे में पुलिस की लचर कार्य प्रणाली पर सवाल उठना लाजमी है। वहीँ एसपी को इस मामले की जानकारी ही नहीं है। इस प्रकरण में पुलिस अधीक्षक श्रीपर्णा गांगुली का कहना है कि, “उनको इस मामले में कुछ पता ही नहीं है।” जबकि जांच कर रहे विवेचनाधिकारी ने मृतक संतोष पटेल को फरार दिखाया है।
14 साथियों के साथ विनोद विश्वकर्मा पर
आपको बता दें कि ये मामला गुनीर गांव के जिला पंचायत सदस्य व प्रधान प्रतिनिधि आशीष सिंह उर्फ पिंटू सिंह का है, जिसने अपने विरोधी प्रत्याशी विनोद विश्वकर्मा की पत्नी को दबंगई दिखाते हुए चुनाव लड़ने से रोकने का प्रयास किया था और बात न मानने पर प्रचार के दौरान पिंटू सिंह ने अपने 14 साथियों के साथ विनोद विश्वकर्मा पर जानलेवा हमला करते हुये लूट की घटना को अंजाम दिया था। इस मामले में हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है। आपको बता दें कि कहीं न कही कल्यानपुर पुलिस लूट के इन अभियुक्तों पर पूरी तरह से मेहरबान है।
फोटोः प्रतीकात्मक।
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