रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी (Reliance Group Chairman) के खिलाफ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने काला धन अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने की मांग की है। आयकर विभाग ने अनिल पर दो स्विस बैंक खातों में रखे 814 करोड़ रुपए से अधिक के अघोषित धन पर 420 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी करने का आरोप लगाया है।
अनिल (Reliance Group Chairman) को महीने की शुरुआत में दिया था कारण बताओ नोटिस
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 63 साल के अनिल अंबानी पर टैक्स चोरी का आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने जानबूझकर भारतीय टैक्स ऑफिसर्स को अपने विदेशी बैंक खातों और फाइनेंशियल इंटरेस्ट की जानकारी नहीं दी थी। इस संदर्भ में अंबानी को इस महीने की शुरुआत में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
अनिल अंबानी को जुर्माने के साथ 10 साल की हो सकती है सजा
विभाग ने कहा कि अनिल पर काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) कर अधिनियम 2015 की धारा 50 और 51 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है, जिसमें जुर्माने के साथ अधिकतम 10 साल कारावास की सजा का प्रावधान है। अनिल से आरोपों पर 31 अगस्त तक जवाब मांगा गया है। हालांकि, अब तक इन आरोपों पर अनिल अंबानी और उनके ऑफिस की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। (Reliance Group Chairman)
विदेश में अघोषित संपत्ति रखने का आरोप
अनिल अंबानी पर असेसमेंट ईयर 2012-13 से 2019-20 के लिए विदेश में अघोषित संपत्ति रखने और इसके जरिए टैक्स चोरी करने का आरोप लगाया गया है। नोटिस के अनुसार, टैक्स ऑफिसर्स ने पाया कि अंबानी बहामास-बेस्ड इकाई ‘डायमंड ट्रस्ट’ और एक अन्य कंपनी नॉर्दर्न अटलांटिक ट्रेडिंग अनलिमिटेड (NATU) के इकोनॉमिक कंट्रीब्यूटर होने के साथ-साथ बेनिफिशियल ओनर थे। NATU को ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स (BVI) में शामिल किया गया था। (Reliance Group Chairman)
ड्रीमवर्क होल्डिंग्स नाम की कंपनी बनाई
बहामास ट्रस्ट के मामले में विभाग ने पाया कि उनकी ड्रीमवर्क होल्डिंग्स इंक नाम की एक कंपनी है। यह फर्म एक स्विस बैंक खाते की मालिक थी, जिसमें 31 दिसंबर 2007 को अधिकतम बेलेंस 255 करोड़ रुपए से ज्यादा (3.2 करोड़ अमेरिकी डॉलर) था। नोटिस में कहा गया है कि ट्रस्ट को करीब 200 करोड़ रुपए (25,040,422 डॉलर) की शुरुआती फंडिंग मिली थी। (Reliance Group Chairman)
कंपनी में अंबानी के पर्सनल अकाउंट से फंडिंग की गई
विभाग ने आरोप लगाया कि इस कंपनी के खाते में अंबानी के पर्सनल अकाउंट से फंडिंग की गई थी। यह भी पाया गया कि अंबानी ने 2006 में इस ट्रस्ट को खोलने के लिए केवाईसी दस्तावेज के रूप में अपना पासपोर्ट दिया था। इस ट्रस्ट के लाभार्थी उनके परिवार के सदस्य भी थे। (Reliance Group Chairman)
विभाग ने आरोप लगाया कि अंबानी अपनी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइलिंग में इन विदेशी संपत्तियों का खुलासा करने में विफल रहे। उन्होंने मोदी सरकार द्वारा 2014 में पहली बार सत्ता में आने के तुरंत बाद लाए गए काला धन अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। टैक्स ऑफिसरों ने कहा कि यह अनिल अंबानी ने जानबूझकर किया है। (Reliance Group Chairman)
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