हिन्दू धर्म में भाद्रपद मास को विशेष माना गया है। सावन के बाद भाद्रपद का महीना आता है। इसे भादो मास या भादो का महीना भी कहते हैं। इस महीने में शनि देव की पूजा विशेष फल दायी मानी जाती है। 13 अगस्त को भादो मास का पहला शनिवार भी है और इस दिन कई शुभ संयोग भी बन रहे हैं। (Shani Dev)
पंचांग के मुताबिक भाद्रपद मास छठा और चातुर्मास का दूसरा महीना है। भाद्रपद का महीना 10 सितंबर तक रहेगा। इसे भादवा के नाम से भी जाना जाता है।
भादो मास में शनि देव का विशेष महत्व माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि भाद्रपद मास में ही भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था जिसे कृष्ण जन्माष्टमी कहते हैं और शनि देव भगवान श्रीकृष्ण के परम भक्त हैं। यही वजह है कि इस मास में शनि देव की पूजा शुभ फलदायी मानी जाती है।
ज्योतिषी बताते हैं कि इन समय शनि देव मकर राशि में गोचर कर रहे हैं। मकर राशि शनि की अपनी राशि है यानी शनि इस राशि के स्वामी हैं लेकिन इस समय शनि इस राशि में उलटी चल चल रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि शनि (Shani Dev) जब वक्री होते हैं तो पीड़ित हो जाते हैं। इस समय 5 राशियों पर शनि की विशेष दृष्टि है।
मिथुन राशि- शनि ढैय्या
तुला राशि- शनि ढैय्या
धनु राशि- शनि साढे़ साती
मकर राशि- शनि साढे़ साती
कुंभ राशि- शनि साढे़ साती
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि भादो मास में शनिवार और जन्माष्टमी के दिन विशेष पूजा करने से शनिदेव (Shani Dev)प्रसन्न होते हैं। इस मास में गलत कामों से बचना चाहिए। साथ ही जरूरतमंद और गरीबों की मदद करनी चाहिए और उन्हें दान आदि देना चाहिए।
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