कुछ लोग छोटी-छोटी बातों पर रोने और परेशान हो जाते हैं। हालांकि इसके कुछ कारण हो सकते हैं लेकिन बात बात पर रो देना और आँखों से आंसू बह जाना। ये इस बात का भी संकेत हो सकता है कि व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हो चुका है। जब इस तरह की फीलिंग 2 सप्ताह से अधिक समय तक रहती हैं तो एक्सपर्ट से संपर्क कर लेना चाहिए। इसी तरह से उदास रहना, अकेलापन या सबसे अलग थलग रहना भी डिप्रेशन के लक्षण हैं। ये लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। इस डिप्रेशन के कारण व्यक्ति के कार्य करने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है। आइए जानते हैं डिप्रेशन के कुछ अन्य लक्षणों के बारे में विस्तार से…
उदास रहना
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि उदास रहना डिप्रेशन का सबसे आम लक्षण है। इसमें व्यक्ति खालीपन या उदास रहता है। ये समस्या 2 सप्ताह तक रह सकती है लेकिन अगर लक्षण दो सप्ताह से अधिक रहे तो इस बीमारी को डाइस्थीमिया कहते हैं। यह उदासी क्रॉनिक डिप्रेशन का एक लक्षण है।
खुद को बेकार महसूस करना
खुद को बेकार महसूस करना भी एक प्रकार का डिप्रेशन है। इसमें खुद को बेकार समझना, अपने में कमी निकालना, दूसरों के आगे खुद को कम महसूस करना जैसी भावनाएं मन में आने लगती है। यहां तक कि ऐसे लोग दूसरों से बात करने में भी कतराते हैं।
चिड़चिड़ापन महसूस करना
डिप्रेशन में व्यक्ति निराश रहता है। ऐसे लोगों के दिल और दिमाग में चिड़चिड़ाहट, गुस्सा और फ्रस्ट्रेशन पनपने लगता है। इस तरह के डिप्रेशन में कई बार व्यक्ति काफी अग्रेसिव हो जाता है।
थकान महसूस करना
डिप्रेशन का शिकार व्यक्ति हमेशा थका हुआ महसूस करता है। वह छोटे-छोटे काम जैसे कि नहाना या बेड से उठना भी मुश्किल लगने लगता है। इस डिप्रेशन में बाहर आने के लिए लोगों से मिलना जुलना बेहद फायदेमंद हो सकता है।
सुसाइड का ख्याल
इस तरह के डिप्रेशन में व्यक्ति के दिमाग में खुद की लाइफ खत्म करने का भी विचार आ सकता है। इस तरह के लक्षण बड़ी उम्र के लोगों में अधिक हो सकते हैं।
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