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22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में प्राणप्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया जाएगा और इस समारोह की तैयारियां चल रही हैं। देश के कई दिग्गजों को यह सम्मान मिला है। कांग्रेस पार्टी के प्रमुख नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है। इस बीच, कांग्रेस ने दो दिन पहले समारोह का निमंत्रण खारिज कर दिया। 

अब इस पर आरोप लग रहे हैं तो ऐसा लग रहा है कि पार्टी में भी एक गुट में नाराजगी है। अब कांग्रेस पार्टी इस बारे में सफाई दे रही है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को कहा कि इस फैसले और इसके पीछे की वजह का मकसद किसी की भावनाओं या धर्म को ठेस पहुंचाना नहीं है।

पार्टी चीफ मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की छवि के प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होंगे, क्योंकि भाजपा और आरएसएस ने कार्यक्रम का आयोजन किया है। कांग्रेस ने बुधवार को स्पष्ट किया कि वह इस वजह से उपस्थित नहीं होगी। यह भी आरोप लगाया गया कि चुनावी फायदे के लिए 'अर्धनिर्मित मंदिरों' का उद्घाटन किया जा रहा है। इसके बाद से बीजेपी निरंतर कांग्रेस पर हमलावर है।

शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा, ''हम पहले ही कह चुके हैं कि अगर कोई अयोध्या जाना चाहता है तो जब चाहे जा सकता है।'' यह अनुचित है। हमारे फैसले का उद्देश्य किसी व्यक्ति या धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था।”

 

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