लखनऊ। नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बयान पर तंज कसा है, जिसके आधार पर उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या तकरीबन दस लाख हो जाती है। चौधरी ने कहा क़ि इस बयान को गम्भीरता से नहीं लिया जाना चाहिए। इसके लिए मुख्यमन्त्री दोषी नहीं है, उनके अफसरों ने जो उन्हें लिखकर दिया, उन्होंने उसे पढ़ दिया। उन्हें इसका बोध ही नहीं है कि 75 फीसदी और 50 फीसदी कहने से कितनी भयानक स्थिति पैदा होती है। इसलिए उनके बयान के लिए अफसरों से जवाब-तलब होना चाहिए।
रामगोविन्द चौधरी ने सोमवार को जारी अपने बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश की गरिमा को गिराने वाले इस बयान को लेकर उन अफसरों के खिलाफ सख्त कार्यवाही होनी चाहिए जो मुख्यमन्त्री को पढ़ने के लिए इस तरह का प्रेसनोट बनाते हैं।
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अगर कार्यवाही नहीं हुई तो ये अफसर आगे भी इसी तरह का प्रेसनोट बनाएंगे, जिसे मुख्यमन्त्री पढ़ेंगे और पूरे देश में मुख्यमन्त्री की विद्वता को लेकर प्रदेश का माथा शर्म से झुकता रहेगा। इसकी वजह से दूसरे प्रदेश के नेताओं को भी यूपी के मुख्यमंत्री पद की खिल्ली उड़ाने का अवसर मिलता रहेगा।
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रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि देश और प्रदेश की भाजपा सरकारें सभी मोर्चे पर नाकाम हैं। छह साल में ही देश 1947 वाली स्थिति में पहुंच गया है। अब इनके पास सिर्फ जनता को भ्रमित करने का काम रह गया है। इसके लिए तरह तरह के फर्जी बयान जारी किए जा रहे हैं। चौधरी ने कहा है कि कानून व्यवस्था क़ि स्थिति बदतर है।
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मुख्यमन्त्री के पास सर्वाधिक महत्वपूर्ण कामशासन की कमियों को उजागर करने वालों को उत्पीड़ित करना और दुखी श्रमिकों की मदद करने वालों के खिलाफ एफआईआर करा देना। राजनीतिक, सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार, वकील तथा अन्य जिम्मेदार नागरिक इसके शिकार हो रहे हैं।