छत्तीसगढ़। कहते हैं मृत्यु के पश्चात इंसान धर्म और जाति के बंधन से मुक्त हो जाता है लेकिन छत्तीसगढ़ के कोण्डागांव जिले में स्थित तेलेंगा गांव में धर्म परिवर्तन करने वाली एक महिला (Woman) के अंतिम संस्कार को लेकर दो पक्षों में जमकर बवाल हुआ। गांव वाले अपने-अपने धर्म से अंतिम संस्कार करने पर अड़े हुए हैं और प्रशासन उन्हें समझाने में लगा हुआ है। स्थिति यह है कि गांव दो धड़ों में बंट गया है और माहौल तनावपूर्ण है।
बताया जा रहा है कि कोण्डागांव ब्लाक के तेलेंगा गांव में रहने वाली 40 साल की महिला (Woman) बिलोबाई सोढ़ी ने अपना धर्म बदल लिया था। बीते दिनों उसकी तबीयत खराब होने पर उसे जगदलपुर अस्पताल में एडमिट कराया गया था लेकिन के दौरान अस्पताल में ही उसकी मौत हो गई। इसके बाद ग्रामीणों द्वारा महिला (Woman) के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए उसे गृहग्राम तेलेंगा लाया गया लेकिन, अंतिम संस्कार के दौरान ग्रामीणों ने विरोध करते हुए अंतिम क्रिया पर रोक लगा दी।
महिला (Woman) के अंतिम संस्कार को लेकर ग्रामीण दो दलों में बंट गए है और गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है। मामले जानकारी मिलने पर कोण्डागांव से पुलिस बल के साथ तहसीलदार तेलेंगा गांव पहुंच गए और ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की मगर बात नहीं बनी। मौके पर पहुंचे तहसीलदार और पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों से चर्चा कर माहौल शांत कराने की कोशिश की। पहले तो ग्रामीण महिला के अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गए पर बाद में विरोध पर उतर आए।
इस बात अड़े दोनों पक्ष
प्रशासन के काफी समझाने बुझाने के बाद पहले तो ग्रामीण महिला (Woman) के अंतिम संस्कार के लिए इस बात पर राजी हो गए कि मृतका के पति और बच्चे धर्म परिवर्तन कर वापस आदिवासी समाज में आ जाएं लेकिन जैसे ही महिला के अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू हुई ग्रामीण फिर विरोध करने लगे और इस बात पर अड़ गए कि गांव के जितने भी लोगों ने धर्म परिवर्तन किया है वे सभी वापस अपने मूल समाज में लौटें। इसके बाद से गांव में तनाव का माहौल बन गया। प्रशासन लगातार दोनों पक्ष को समझाने की कोशिश कर रहा है लेकिन बात बनती हुई नहीं नजर आ रही है।
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