लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव की कुर्सी छोड़कर राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त बने और आने वाले साल के फरवरी महीने में रिटायर होने वाले जावेद उस्मानी पर जाते-जाते भ्रष्टाचार करने के गंभीर आरोप लग ही गए हैं l सूबे के वरिष्ठ आरटीआई कार्यकर्ता और सूचना का अधिकार कार्यकर्ता वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार गोयल ने इस सम्बन्ध में सूबे के लोक आयुक्त को एक शिकायत दी है जो लोक आयुक्त कार्यालय द्वारा प्राप्त कर ली गई है ।
गोयल ने मुख्य सूचना आयुक्त उस्मानी और उत्तर प्रदेश सूचना आयोग के उपसचिव एवं जन सूचना अधिकारी तेजस्कर पाण्डेय पर आपस में मिलीभगत करके भ्रष्टाचार/कदाचार करने,राजकोष को क्षति कारित करने और आरटीआई एक्ट के आज्ञापक प्राविधानों का अनुपालन नहीं करके कदाचार करने का आरोप भी लगाया है।
गोयल ने बताया कि इन लोकसेवकों के खिलाफ कार्यवाही करने के पर्याप्त प्रमाण होने के बाबजूद उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक कोई भी प्रशासनिक और विधिक कार्यवाही नहीं की गई है इसीलिये अब उन्होंने लोक आयुक्त के समक्ष परिवाद अभिकथन दर्ज कराकर भ्रष्ट लोकसेवकों द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करके भ्रष्टाचार, कदाचार और धोखाधड़ी में लिप्त होकर वितीय अनियमितताएं करके सरकारी खजाने को क्षति कारित करने के कृत्यों के सम्बन्ध में नियमानुसार जांच कर अग्रिम प्रशासनिक और विधिक दंडात्मक कार्यवाही की संस्तुति करने की नियमपूर्ण कार्यवाही करने का अनुरोध किया है।
शिकायत देने के लिए लोक आयुक्त कार्यालय गए गोयल और उनके साथी आरटीआई कार्यकर्ताओं हरपाल सिंह, तनवीर अहमद सिद्दीकी और संजय आज़ाद का कहना है प्रकरण पूरे सूबे की जनता को प्रभावित करने वाला है अतः उन सबको उम्मीद है कि बृहद लोकहित में लोक आयुक्त इस मामले में गहन जांच करके भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही अवश्य करेंगे।