मासूम की लाश को अपर कलेक्टर की टेबिल पर रखकर महिला ने मांगा इंसाफ, जानिए क्या है मामला

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मध्य प्रदेश॥ अशोकनगर जिला अस्पताल एसएनसीयू के डॉक्टरों और नर्सों की लापरवाही नवजात शिशुओ की जान जा रहीं हैं। आलम यह है कि लापरवाही के चलते नवजात शिशु आये दिन दम तोड़ रहे हैं और परिजन हताहत होकर कलेक्टर एवं प्रशासनिक अधिकारियों से इंसाफ की मांग कर रहे हैं।

ताजा मामला मंगलवार का है, जब एक नवजात का शव लेकर उसकी मां जनसुनवाई में पहुंची और अपर कलेक्टर के सामने महिला ने बच्चे का शव रख दिया। महिला ने आरोप लगाया है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण उसके बच्चे की मौत हुई है। महिला का आरोप है कि पिछले 8 दिन से नवजात शिशु गहन इकाई में भर्ती था।

परिजन निरंतर डॉक्टर से बच्चे से मिलने की गुहार लगाते रहे, किंतु 8 दिन में एक भी बार ना तो बच्चे से मिलने दिया और ना ही उसको दूध पिलाने दिया। मंगलवार को जब बच्चे की मौत हो गई तो उसके शव को उन्हें सौंप दिया गया। उल्लेखनीय है कि ईसागढ़ ब्लॉक के अन्तर्गत आने वाले गांव छीरखेड़ा निवासी कमलेश पत्नी नरेश अहिरवार को शासकीय अस्पताल में 31 दिसंबर को डिलीवरी हुई थी।

डॉक्टर के अनुसार बच्चे का स्वास्थ्य निरंतर खराब होते जा रहा था, जिसके लिए परिजनों को बाहर ले जाने के लिए रेफर भी किया गया था, किंतु परिजनों ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया। जबकि परिजनों ने बताया कि इस तरह की कोई बात उनसे नहीं की गई थी। वे लोग पढ़े-लिखे नहीं हैं, जिसके चलते डॉक्टर ने निरंतर कई कागजों पर उनसे दस्तखत करवाया, लेकिन उनसे कभी भी मौखिक रूप से बच्चों को बाहर ले जाने की बात नहीं कही गई।

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मृतक के परिजनो ने बताया कि प्रसव के समय बच्चे का स्वास्थ्य सही था। जन्म के समय बच्चे का वजन 3 किलो 200 ग्राम था, बच्चा रो भी रहा था। लेकिन नर्सो ने कहा कि इसे कांच में रखने के लिये ले जा रहे हैं और सात दिन तक बहीं पर भर्ती रखा। नवजात की मां कमलेश ने बताया कि पिछले आठ दिनो में एक भी दिन हमे बच्चे से नहीं मिलने दिया न ही दूध पिलाने दिया और आज जब शिशु की मौत हो गई, तो हमारे हवाले कर दिया।

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