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नई दिल्ली।। उत्तर प्रदेश के कासगंज में हुए दंगों के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री

योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। एक

घंटे की इस मुलाकात में प्रदेश की स्तिथि के साथ-साथ मंत्रीमंडल में बदलाव

को लेकर भी चर्चा की बात कही जा रही है। सूत्रों की मानें तो योगी सरकार के

एक साल पूरा होने के साथ-साथ योगी अपने मंत्रीमंडल में फेर-बदल कर सकते

हैं। हालाँकि मंत्रीमंडल में फेर-बदल की चर्चा ने नगर निकाय चुनाव के पहले भी

जोर पकड़ा था मामला ठंढे बस्ते में चला गया था।

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योगी सरकार बनने के बाद से लगातार ऐसे कई मंत्री भ्रष्टाचार को लेकर चर्चा में

आये जिनकी वजह से योगी की साख को बट्टा लगा है। मीडिया रिपोर्टों में ऐसे कई

मंत्री हैं जो लगातार सुर्ख़ियों में बने रहे। कुछ मंत्रियों पर तो भ्रष्टाचार के सीधे आरोपों

की बात सामने आयी लेकिन लेकिन तब ऐसे मामलों पर सरकार चुप रही क्योंकि

गुजरात और हिमाचल के चुनावों के साथ-साथ निकाय चुनाव भी सामने थे। सूत्रों

की मानें तो योगी आदित्यनाथ की नजर में वो मंत्री जो भ्रष्टाचार को लेकर सुर्ख़ियों

में आये वो तो हैं ही इनके साथ-साथ वो मंत्री भी निशाने पर हैं जिनकी परफॉर्मेंस ठीक नहीं है।

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बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब मंत्रियों की परफॉर्मेंस के आधार पर अपने कैबिनेट में बदलाव के के मूड में है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक, योगी मंत्रिमंडल का विस्तार माह फरवरी के महीने के आखिर में या मार्च के पहले सप्ताह में हो सकता है।

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कैबिनेट में विस्तार के साथ-साथ पार्टी के प्रदेश-संगठन में भी बदलाव की उम्मीद के कयास लगाए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, मंत्रिमंडल में फेर-बदल से पहले संगठन में बदलाव किया जायेगा। गौरतलब है कि संगठन में कई अहम पद खाली हैं, जबकि संगठन के कई लोगों को मंत्री बनाया जा चूका है।

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जिलाध्यक्षों के भी बदले जाने की भी चर्चा है। कई क्षेत्रीय प्रभारियों के पद भी रिक्त हैं। ऐसे में पार्टी मंत्रिमंडल विस्तार से पहले संगठन के पदों को भरने की कवायद में जुटी है।

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बता दें कि मार्च के तीसरे सप्ताह में योगी सरकार का 1 वर्ष पूरा हो रहा है और ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार योगी आदित्यनाथ परफॉर्मेंस को आधार बनाकर मंत्रिमंडल में बदलाव करना चाहते हैं।

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यदि ऐसा होता है तो एक साल के बाद ही योगी आदित्यनाथ का अपनी पसंद का मंत्रिमंडल होगा। योगी आदित्यनाथ कई मंत्रियों से नाखुश बताये जा रहे हैं और ऐसे में उनकी छुट्टी की जा सकती है। जबकि कई नये चेहरे मंत्रीमंडल शामिल किये जाने की उम्मीद की जा रही है।

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