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Up Kiran, Digital Desk: पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में एक जबरदस्त ऑपरेशन के दौरान 19 आतंकवादी मारे गए और 11 पाकिस्तानी सैनिक शहीद हो गए। यह खूनखराबा उस समय हुआ जब सेना ने एक खुफिया इनपुट के आधार पर बड़ा एक्शन लिया।
ऑपरेशन 7 और 8 अक्टूबर की रात को हुआ, जब खबर मिली कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के लड़ाके, जो खुद को "फ़ितना अल-ख़वारिज़" कहते हैं, अफगान सीमा के पास ओरकज़ई जिले में छिपे हुए हैं।
गोलीबारी में शहीद हुए लेफ्टिनेंट कर्नल और मेजर
सेना की मीडिया विंग के मुताबिक, इस ऑपरेशन में एक लेफ्टिनेंट कर्नल और एक मेजर सहित कुल 11 जवानों ने अपनी जान गंवाई। घंटों चली मुठभेड़ में सेना ने 19 आतंकियों को ढेर कर दिया, लेकिन कुछ आतंकी अभी भी इलाके में छिपे हो सकते हैं, इसलिए सर्च ऑपरेशन जारी है।
पाकिस्तान में बढ़ा आतंक का खतरा
2022 में युद्धविराम टूटने के बाद, पाकिस्तान खासकर खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकी गतिविधियों में भारी इजाफा हुआ है। TTP ने खुले तौर पर पुलिस, सेना और सुरक्षा एजेंसियों को निशाना बनाने की धमकी दी है।
2025 में 96% हिंसा सिर्फ दो प्रांतों में!
सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (CRSS) की रिपोर्ट बताती है कि 2025 की तीसरी तिमाही में अकेले खैबर पख्तूनख्वा में 71% मौतें और 67% हिंसक घटनाएं हुईं। बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा मिलकर पूरे देश की 96% हिंसा के लिए जिम्मेदार रहे हैं। इन दोनों की सीमा अफगानिस्तान से लगती है, जिससे आतंकी आसानी से घुसपैठ कर पाते हैं।