Up kiran,Digital Desk : नैनीताल और खासकर भीमताल इलाके के लोगों के लिए शुक्रवार का दिन एक बड़ी खुशखबरी लेकर आया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल के लेटीबुंगा मैदान में पहुंचकर एक साथ 17 विकास योजनाओं का ऐलान किया, जिन पर 112 करोड़ रुपये से भी ज्यादा खर्च होंगे। यह सिर्फ एक घोषणा नहीं, बल्कि इस पूरे इलाके के विकास का एक नया नक्शा है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने स्थानीय महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों के स्टॉल भी देखे और उनके काम की जमकर तारीफ की।
अब गांवों में भी होंगे मिनी स्टेडियम, सड़कों का बिछेगा जाल
मुख्यमंत्री ने भीमताल क्षेत्र के लोगों को कई बड़ी सौगातें दीं। अब यहाँ के युवाओं को खेलने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा, क्योंकि भीरापानी, नई, डलकन्या और देवनगर समेत कई गांवों में मिनी स्टेडियम बनाए जाएंगे।
सफर को आसान बनाने के लिए भी कई घोषणाएं हुईं:
- ओखलकांडा की करायल बैंड-टकूरा फॉरेस्ट रोड अब पक्की बनाई जाएगी।
- कसियालेख-कफली-पडिकानाला सड़क को भी पक्का किया जाएगा।
- भीमताल बाईपास नहर को ढकने का जो काम बाकी था, उसे भी पूरा किया जाएगा।
- सबसे बड़ी राहत, भीमताल शहर को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए एक नई पार्किंग और एक नया रोडवेज बस स्टेशन भी बनाया जाएगा।
- साथ ही, कस्बे में एक फायर स्टेशन भी खोला जाएगा, ताकि किसी भी अनहोनी से निपटा जा सके।
विधायक द्वारा उठाई गई रूट-10 की खस्ता हालत की मांग पर भी मुख्यमंत्री ने तुरंत एक्शन लिया और इसे ठीक करने के लिए 9.5 करोड़ रुपये मंजूर कर दिए।
पढ़ाई-लिखाई से लेकर स्वास्थ्य तक, हर तरफ विकास
इस कार्यक्रम में कई ऐसे कामों का भी उद्घाटन हुआ जो पहले से चल रहे थे। इनमें नैनीताल में 50 बेड का क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल, हल्दूचौड़ के कॉलेज में लाइब्रेरी और हॉल, और जड़ापानी के सरकारी स्कूल में लाइब्रेरी और साइंस लैब शामिल हैं। अब यहां के बच्चों को पढ़ाई के लिए बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
"सरकार का लक्ष्य है पहाड़ का विकास"
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड तेजी से आगे बढ़ रहा है। सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी सुविधाओं पर तेजी से काम हो रहा है। कैंची धाम, नैना देवी मंदिर और मुक्तेश्वर धाम जैसे धार्मिक स्थलों को भी और सुंदर बनाया जा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि 'होमस्टे', 'वेड इन उत्तराखंड' (उत्तराखंड में शादी) और 'हाउस ऑफ हिमालय' जैसी योजनाओं से स्थानीय लोगों को नए काम मिल रहे हैं, जिससे पहाड़ से पलायन रुक रहा है।
और इन सब कोशिशों का नतीजा भी दिखने लगा है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में अब लोग शहरों से वापस अपने गांवों की ओर लौट रहे हैं (रिवर्स माइग्रेशन में 44% की बढ़ोतरी) और बेरोजगारी भी कम हुई है।
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