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Up Kiran, Digital Desk: वास्तु शास्त्र के अनुसार सूर्यास्त के बाद का समय ऊर्जाओं के परिवर्तन का काल होता है। यह वह वेला होती है जब प्रकृति विश्राम की ओर अग्रसर होती है और तमसिक शक्तियों का प्रभाव बढ़ने लगता है। ऐसे में यदि कुछ विशिष्ट वस्तुओं का दान किया जाए तो वह शुभ की बजाय अशुभ परिणाम भी दे सकता है।
इन तीन चीजों का दान रात में वर्जित
दूध को भारतीय परंपरा में पवित्रता शुद्धता और पोषण का प्रतीक माना गया है। इसका संबंध चंद्रमा की शीतलता और सूर्य की ऊर्जा से जुड़ा है। यह घर की समृद्धि और मानसिक शांति का द्योतक होता है। मगर जब रात के सन्नाटे में चंद्रमा की चांदनी के बीच दूध दान किया जाता है तो उसकी ऊर्जा विकृत हो सकती है।
ऐसा माना जाता है कि रात में दूध का दान करने से घर में लक्ष्मी का वास कम होने लगता है और धीरे-धीरे आर्थिक संकट मंडराने लगते हैं। दूध का दान दिन में किया जाए तो वह अमृत बन जाता है मगर वही दूध रात में अशांति का कारण बन सकता है।
दही जो भोजन में स्वाद का संतुलन बनाता है और आयुर्वेद में पाचन की अग्नि को प्रज्वलित करने वाला माना जाता है वह भी रात में दान नहीं किया जाना चाहिए। ऐसा करने से घर में कलह मानसिक तनाव और पारिवारिक विघटन की आशंका बढ़ जाती है।
रात में दही दान करना मानो उस शांति को त्याग देना है जो दिन के उजाले में पनपती है। दही की ठंडक जो दिन में शांतिदायक होती है रात में एक निष्क्रियता और असंतुलन का कारण बन सकती है।
नमक जो हर स्वाद का मूल होता है जिसे "जीवन का स्वाद" भी कहा जाता है वह भी रात में दान करने योग्य नहीं माना गया है। नमक पृथ्वी तत्व से जुड़ा होता है और इसका सीधा संबंध स्थिरता और सुरक्षा से होता है। जब हम रात में नमक दान करते हैं तो हम अनजाने में उस स्थिरता को किसी और को सौंप देते हैं जिससे हमारे जीवन में अस्थिरता और आर्थिक हानि प्रवेश कर सकती है।
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