Up Kiran, Digital Desk: भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमता को और ऊँचाई पर ले जाते हुए, भारतीय नौसेना ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक कदम उठाया। नीलगिरि-श्रेणी के दो उन्नत स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट – INS उदयगिरि और INS हिमगिरि – को आधिकारिक तौर पर नौसेना में शामिल किया गया।
यह भव्य समारोह 26 अगस्त 2025 को विशाखापत्तनम नौसेना डॉकयार्ड में हुआ, जहाँ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खुद शिरकत की।
INS उदयगिरि: मेक इन इंडिया की चमक
निर्मित: मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL), मुंबई
विस्थापन: ~6,700 टन
प्रणोदन: CODOG प्रणाली (डीजल + गैस टर्बाइन)
हथियार: ब्रह्मोस मिसाइल, बराक-8 एयर डिफेंस, 76 मिमी तोप, उन्नत पनडुब्बी रोधी हथियार
खासियत: 75% से अधिक स्वदेशी सामग्री
रोजगार: 4,000 प्रत्यक्ष और 10,000 अप्रत्यक्ष नौकरियाँ
नामकरण: आंध्र प्रदेश की उदयगिरि पर्वत श्रृंखला के नाम पर
INS हिमगिरि: कोलकाता की शान
निर्मित: गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE), कोलकाता
विस्थापन: ~6,670 टन | लंबाई: 149 मीटर
प्रणोदन: 28 नॉट से अधिक गति देने वाली CODOG प्रणाली
हथियार: ब्रह्मोस, बराक-8, टॉरपीडो ट्यूब, रॉकेट लांचर, EW सिस्टम
विमानन: MH-60 रोमियो, ALH ध्रुव, सी किंग हेलीकॉप्टर संचालन की क्षमता
स्वदेशी सामग्री: ~75%
क्या है स्टील्थ फ्रिगेट?
स्टील्थ फ्रिगेट वह युद्धपोत है जिसे इस तरह डिजाइन किया जाता है कि दुश्मन के रडार, इंफ्रारेड और ध्वनिक सेंसर से उसका पता लगाना बेहद कठिन हो। इससे भारत की नौसेना को “पहले हमला करने और देर तक अदृश्य रहने” जैसी रणनीतिक बढ़त मिलती है।
भारत की समुद्री ताक़त को मिलेगा बूस्ट
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की सुरक्षा और स्ट्रैटेजिक ताक़त में बड़ी छलांग।
ये दोनों फ्रिगेट्स वायु, सतह और पनडुब्बी रोधी युद्ध में गेम-चेंजर साबित होंगे।
यह उपलब्धि मेक इन इंडिया रक्षा परियोजनाओं का सबसे बड़ा प्रतीक है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह कदम भारत की नौसैनिक आधुनिकीकरण यात्रा का नया अध्याय है और देश की समुद्री सीमाओं को और भी सुरक्षित बनाएगा।
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