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Up Kiran, Digital Desk: हिंद महासागर में अपनी ताकत और प्रभाव को और मजबूती देते हुए, भारत एक ऐसी ऐतिहासिक बैठक की मेजबानी कर रहा है, जो बंगाल की खाड़ी की पूरी तस्वीर बदल सकती है। नई दिल्ली में पहली बार 'बिमरेन' (BIMREN) यानी 'बिम्सटेक समुद्री अनुसंधान और शिक्षा नेटवर्क' का द्विवार्षिक सम्मेलन हो रहा है।

यह सिर्फ एक और अंतरराष्ट्रीय बैठक नहीं है, बल्कि यह भारत का एक ऐसा कदम है जो इस क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और सहयोग का एक नया अध्याय लिखेगा। तो चलिए, आसान भाषा में समझते हैं कि यह बैठक क्या है और क्यों यह इतनी महत्वपूर्ण है।

क्या है यह 'बिमरेन' और 'बिम्सटेक'?

सबसे पहले 'बिम्सटेक' को समझिए। 'बिम्सटेक' (BIMSTEC) बंगाल की खाड़ी के किनारे बसे सात देशों (बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड) का एक संगठन है। ये देश मिलकर व्यापार, सुरक्षा और विकास पर काम करते हैं।

अब इसी 'बिम्सटेक' के तहत एक नया नेटवर्क बनाया गया है - 'बिमरेन'। इसका मकसद इन सातों देशों के बीच समुद्री मामलों पर रिसर्च, शिक्षा और सहयोग को बढ़ावा देना है। और इसी 'बिमरेन' की यह पहली बैठक है, जिसकी मेजबानी भारत कर रहा है।

क्यों है यह बैठक इतनी अहम? एजेंडे में क्या है खास?

यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब बंगाल की खाड़ी में चीन जैसी बाहरी ताकतों की मौजूदगी लगातार बढ़ रही है। ऐसे में इन सात देशों का एक साथ आना बहुत बड़ा संदेश देता है। इस सम्मेलन का मुख्य एजेंडा है:

समुद्री सुरक्षा (Maritime Security): बंगाल की खाड़ी दुनिया के सबसे व्यस्त समुद्री व्यापार मार्गों में से एक है। इस बैठक में चर्चा होगी कि कैसे मिलकर समुद्री डकैती, तस्करी और आतंकवाद जैसी चुनौतियों से निपटा जाए और इन समुद्री रास्तों को सबके लिए सुरक्षित बनाया जाए।

ब्लू इकोनॉमी (Blue Economy): इसका मतलब है समुद्र से जुड़े संसाधनों (जैसे मछली पालन, पर्यटन, ऊर्जा) का इस तरह से इस्तेमाल करना जिससे देशों की अर्थव्यवस्था भी बढ़े और समुद्र को कोई नुकसान भी न हो।

टिकाऊ विकास (Sustainable Development): यह सुनिश्चित करना कि समुद्र और उसके पर्यावरण को भविष्य की पीढ़ियों के लिए कैसे संरक्षित रखा जाए।

भारत क्यों ले रहा है इतनी बड़ी भूमिका?

यह सम्मेलन भारत की 'नेबरहुड फर्स्ट' (पड़ोसी पहले) और 'सागर' (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) नीति का एक जीता-जागता सबूत है। इस बैठक की मेजबानी करके भारत यह दिखा रहा है कि वह बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में सिर्फ एक बड़ा देश ही नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार लीडर भी है, जो अपने सभी पड़ोसी दोस्तों को साथ लेकर चलना चाहता है।

यह बैठक इन सातों देशों के बीच विश्वास को और गहरा करेगी और एक ऐसे सुरक्षित और समृद्ध समुद्री भविष्य की नींव रखेगी, जहाँ सहयोग हो, टकराव नहीं।