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Up Kiran, Digital Desk: उत्तर कोरिया में सत्ता का चेहरा और नाम दोनों एक ही हैं किम जोंग उन। लेकिन इन दिनों वे अपनी राजनीतिक गतिविधियों या सैन्य रणनीतियों के लिए नहीं, बल्कि अपने बढ़ते वजन और स्वास्थ्य को लेकर अंतरराष्ट्रीय चर्चाओं में हैं। जिस तरह से देश की व्यवस्था एक व्यक्ति पर केंद्रित है, उसी तरह किम की सेहत को लेकर भी पूरा शासन तंत्र बेहद सतर्क है। अब खबरें आ रही हैं कि वे अपना वजन घटाने के लिए विदेशी दवाओं की तलाश में जुट गए हैं और उससे भी ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि इन दवाओं का परीक्षण पहले उत्तर कोरियाई नागरिकों पर हो सकता है।
बढ़ते वजन से चिंतित किम, विदेशी इलाज की खोज में
ब्रिटिश मीडिया हाउस The Sun के हवाले से आई जानकारी के अनुसार, किम ने अपने विश्वस्त अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अंतरराष्ट्रीय बाज़ार से अत्याधुनिक वजन कम करने वाली दवाएं जैसे कि Ozempic जल्द से जल्द मंगवाएं। यह फैसला तब लिया गया जब उनकी पुरानी स्वास्थ्य समस्याएं मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और संभवतः डायबिटीज़ दोबारा सतह पर आ गईं।
2021 में किम का वजन घटाने की खबरें चर्चा में थीं, लेकिन अब माना जा रहा है कि उनका वज़न फिर से 127 किलो के पार चला गया है। ऐसे में उनका दोबारा दवाओं की ओर रुख करना हैरानी की बात नहीं। परंतु जिस तरीके से इन दवाओं का परीक्षण किया जा सकता है, वह मानवाधिकारों पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
'स्वयं नहीं, पहले जनता पर करें प्रयोग' पुराना तरीका फिर से दोहराएंगे किम?
उत्तर कोरिया में शासन की पुरानी शैली रही है कि नया कुछ भी हो, तो पहले उसे जनता पर आजमाया जाए, खुद शासक पर नहीं। विश्लेषकों का मानना है कि किम अपने जैसे शरीर वाले नागरिकों को चुनकर इन विदेशी दवाओं का ट्रायल करवा सकते हैं। उनके पिता, किम जोंग इल, भी इसी नीति पर चलते थे उन्होंने पहले भी अपने अधिकारियों पर दर्द निवारक और ओपिऑइड दवाओं का परीक्षण करवाया था।
यह तरीका न केवल अमानवीय है, बल्कि यह दिखाता है कि उत्तर कोरिया में आम नागरिकों के जीवन का मूल्य सत्ताधारी के स्वास्थ्य से कितना कम आंका जाता है।
शराब-सिगरेट से भरपूर जीवनशैली, दिल की बीमारी से भयभीत तानाशाह
किम की जीवनशैली किसी रहस्य से कम नहीं, लेकिन जो जानकारी बाहर आती है, वह चिंता बढ़ाने वाली है। उन्हें सिगरेट और शराब का अत्यधिक सेवन करना पसंद है, साथ ही विदेशी भोजन का खास शौक भी है। डॉक्टरों का मानना है कि यह जीवनशैली उन्हें हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ और गाउट जैसी बीमारियों की ओर धकेल रही है। दिलचस्प यह भी है कि उनके पिता और दादा दोनों की मौत दिल की बीमारी के चलते हुई थी, जिससे किम भी भीतर ही भीतर भयभीत बताए जाते हैं।
सीक्रेट मिशनों पर तैनात होते हैं विदेशी डॉक्टर और उपकरण
किम जोंग उन के स्वास्थ्य की देखभाल किसी सैन्य ऑपरेशन से कम नहीं होती। जब भी जरूरत पड़ती है, यूरोपीय देशों से विशेषज्ञ डॉक्टरों को बुलाया जाता है, विदेशी मेडिकल उपकरणों की व्यवस्था की जाती है, और दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की जाती है। यह सब पर्सनल सेक्रेटिएट नामक खास कार्यालय के ज़रिए होता है, जिसमें दुनियाभर में फैले उत्तर कोरियाई अधिकारी गुप्त अभियानों पर तैनात रहते हैं।
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