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Jhansi Hospital Fire: यूपी के झांसी में अस्पताल में लगी आग के मामले में नई जानकारियां सामने आई हैं, जिसमें 11 नवजात बच्चों की मौत हो गई थी। NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, घटना की जांच कर रही दो सदस्यीय समिति ने निष्कर्ष निकाला है कि आग पूरी तरह से आकस्मिक थी और जानबूझकर नहीं लगाई गई। यह घटना शुक्रवार रात करीब 10.45 बजे झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात वार्ड में हुई।

जांच समिति ने निकाला ये निष्कर्ष

सूत्रों के अनुसार, पैनल ने पाया कि आग स्विचबोर्ड में शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी। वार्ड में स्प्रिंकलर की अनुपस्थिति के कारण आग को नियंत्रित नहीं किया जा सका। डॉक्टरों ने समिति को बताया कि नवजात शिशुओं की उपस्थिति के कारण NICU वार्ड में स्प्रिंकलर नहीं लगाए गए थे। उस समय वार्ड में छह नर्सें, अन्य कर्मचारी और दो डॉक्टर मौजूद थे।

आग बुझाने में असफलता

आग बुझाने की कोशिश करते समय एक नर्स के पैर जल गए। जब पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य लोग अग्निशामक यंत्र लेकर अंदर गए, तो स्विचबोर्ड से आग तेजी से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की ओर फैलने लगी। लेकिन तब तक आग नियंत्रण से बाहर हो चुकी थी। दमकल की गाड़ियां कुछ ही मिनटों में मौके पर पहुंच गईं, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।

सरकारी कार्रवाई

योगी सरकार ने शनिवार को इस घटना की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति को आग के कारणों की पहचान करने और यह सुनिश्चित करने का कार्य सौंपा गया है कि इसमें कोई लापरवाही तो नहीं थी। सरकार ने सात दिनों के भीतर रिपोर्ट भी मांगी है।

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