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Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में इस बार छठ महापर्व की सांस्कृतिक महत्ता और इसे वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयासों पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने बताया कि भारत सरकार छठ पर्व को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल कराने का प्रयास कर रही है। इससे इस त्योहार की गरिमा में और वृद्धि होगी। यह पर्व न सिर्फ भारत में बल्कि विश्वभर में आस्था का मजबूत प्रतीक बन चुका है।

शहीद भगत सिंह और लता मंगेशकर को भावपूर्ण श्रद्धांजलि

मन की बात के 126वें संस्करण में प्रधानमंत्री मोदी ने देश के युवाओं के प्रेरणास्त्रोत शहीद भगत सिंह को याद किया। उन्होंने भगत सिंह के साहस और उनके द्वारा अंग्रेजों को युद्धबंदी जैसा व्यवहार देने की अपील को उजागर किया। साथ ही, उन्होंने गायिका लता मंगेशकर को भारतीय संस्कृति के अनमोल रत्न के रूप में सराहा। मोदी ने बताया कि लता जी का स्वातंत्र्यवीर सावरकर के प्रति गहरा सम्मान था और उन्होंने कई बार उनके गीतों को अपनी आवाज़ में पिरोया।

नारी शक्ति की मिसाल: नौसेना की दिलना और रूपा की समुद्री यात्रा

प्रधानमंत्री ने नवरात्रि पर्व के अवसर पर देश की बेटियों की उपलब्धियों का जिक्र किया। नौसेना की लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना और रूपा ने 238 दिनों में 47,500 किलोमीटर की समुद्री यात्रा पूरी की, जो साहस और दृढ़ता की मिसाल है। उन्होंने बताया कि इस यात्रा में कठिन मौसम, सीमित संसाधनों और तेज़ गर्मी के बावजूद टीमवर्क और धैर्य से सफलता मिली। यह उदाहरण देश की महिलाओं की शक्ति और आत्मनिर्भरता को दर्शाता है।

परंपराओं में रोजगार के नए रास्ते और आत्मनिर्भर भारत का संदेश

प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु, झारखंड और बिहार की उन महिलाओं और उद्यमियों की कहानियां साझा कीं जिन्होंने परंपरा और आधुनिकता को जोड़ कर रोजगार के नए अवसर पैदा किए। उन्होंने जोर दिया कि हमारी सांस्कृतिक विरासत में अपार आर्थिक संभावनाएं छिपी हैं, जिन्हें सही नीयत से हासिल किया जा सकता है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना और राष्ट्र सेवा का इतिहास

विजयादशमी के महत्व को समझाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि 1925 में नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना हुई। डॉ. हेडगेवार और गुरुजी गोलवलकर के नेतृत्व में यह संगठन राष्ट्र सेवा में समर्पित रहा। उन्होंने कहा कि स्वाधीनता के बाद भी विचारों की गुलामी खत्म करना आवश्यक था, इसी सोच के साथ संघ ने सेवा कार्यों को आगे बढ़ाया। संकट के समय स्वयंसेवक सबसे पहले राहत कार्यों में पहुंचते हैं, और "राष्ट्र प्रथम" की भावना उनकी पहचान है।

महर्षि वाल्मीकि जयंती और सांस्कृतिक समृद्धि

प्रधानमंत्री ने महर्षि वाल्मीकि जयंती का भी स्मरण किया। उन्होंने कहा कि वाल्मीकि जी ने मानवता को रामायण जैसे महान ग्रंथ का उपहार दिया। अयोध्या में रामलला के दर्शन के साथ वाल्मीकि और निषादराज मंदिरों का दर्शन भी करने की अपील की।

भारतीय कला, संगीत और संस्कृति की विश्वव्यापी छवि

मोदी ने पेरिस के "सौन्त्ख मंडप" की सफलता का उदाहरण देते हुए बताया कि किस तरह भारतीय नृत्य को वहां लोकप्रियता मिली। उन्होंने भूपेन हजारिका के गीतों का अनुवाद श्रीलंकाई कलाकारों द्वारा सिंहली और तमिल भाषाओं में किए जाने का उल्लेख किया। साथ ही असम के गायक जुबीन गर्ग और विचारक एसएल भैरप्पा को श्रद्धांजलि दी। जुबीन गर्ग के संगीत ने पूरे देश में अपनी पहचान बनाई और उनकी यादें आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।

त्योहारों पर स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देने का आह्वान

प्रधानमंत्री ने त्योहारों के दौरान स्वदेशी वस्तुओं को खरीदने का आग्रह किया। उन्होंने स्वच्छता को केवल घर तक सीमित न रखते हुए पूरे समाज में फैलाने की बात कही। मोदी ने "वोकल फॉर लोकल" को अपनाने का सुझाव देते हुए कहा कि इस बार के त्योहारों को स्वदेशी चीजों से मनाने का संकल्प लें ताकि उत्सवों की रौनक बढ़े। उन्होंने पिछले 11 वर्षों में खादी की बिक्री में हुई वृद्धि पर गर्व जताया और 2 अक्टूबर को खादी खरीदने का आवाहन किया।