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Up Kiran, Digital Desk: जब हम ताइक्वांडो के बारे में सोचते हैं, तो हमारे दिमाग में अक्सर तेज़-तर्रार किक और फुर्तीले मूवमेंट्स की तस्वीर बनती है। लेकिन इस मार्शल आर्ट की असली ताक़त इसके बाहरी रूप में नहीं, बल्कि इसके गहरे सिद्धांतों में छिपी है। छात्रों के लिए, यह सिर्फ़ शारीरिक मज़बूती पाने का ज़रिया नहीं है, बल्कि यह सम्मान, दृढ़ता और आत्म-नियंत्रण जैसे जीवन के सबसे ज़रूरी सबक सिखाने का एक रास्ता है। ये सबक सिर्फ़ ट्रेनिंग हॉल तक सीमित नहीं रहते, बल्कि स्कूल, घर और समाज में एक बेहतर इंसान के तौर पर आगे बढ़ने में मदद करते हैं।

सिर्फ़ एक मार्शल आर्ट से कहीं ज़्यादा

ताइक्वांडो कोरिया की एक पारंपरिक कला है, जिसका दर्शन शरीर, मन और आत्मा के बीच तालमेल पर ज़ोर देता है। छात्रों के लिए, इसकी ट्रेनिंग का मतलब सिर्फ़ नई तकनीकें सीखना नहीं, बल्कि ऐसे मूल्यों को अपनाना है जो ज़िंदगी भर उनके साथ रहते हैं। ताइक्वांडो क्लास का अनुशासित माहौल बच्चों में शारीरिक क्षमता के साथ-साथ नैतिक आचरण को भी विकसित करता है।

1. सम्मान: ताइक्वांडो की नींव

हर ताइक्वांडो क्लास की शुरुआत और अंत झुककर अभिवादन (Bow) करने से होती है। यह एक साधारण इशारा है, जो गुरुओं, साथियों और ख़ुद के प्रति सम्मान का प्रतीक है। छात्र जल्दी ही सीख जाते हैं कि यह सम्मान सिर्फ़ क्लासरूम तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसे अपने घर, स्कूल और समाज में भी अपनाना है। दूसरों के प्रति विनम्रता और सराहना दिखाने की यह आदत धीरे-धीरे उनके स्वभाव का हिस्सा बन जाती है।

2. दृढ़ता: मुश्किलों से लड़ना और आगे बढ़ना

ताइक्वांडो सीखने के लिए लगातार मेहनत और लगन की ज़रूरत होती है। मुश्किल मूवमेंट्स को सीखने से लेकर बेल्ट टेस्ट की तैयारी तक, तरक्की सिर्फ़ उसी को मिलती है जो हार नहीं मानता। छात्र यह सीखते हैं कि असफलताएँ, जैसे कि किसी टेस्ट में फेल हो जाना या किसी किक को सही ढंग से न कर पाना, हार मानने का कारण नहीं, बल्कि ख़ुद को और बेहतर बनाने का मौक़ा होती हैं। एक बार जब यह जज़्बा उनमें आ जाता है, तो इसका सीधा असर उनकी पढ़ाई और जीवन के दूसरे लक्ष्यों पर भी पड़ता है।

3. आत्म-नियंत्रण: ताक़त के साथ ज़िम्मेदारी

ताइक्वांडो का सबसे गहरा सबक है आत्म-नियंत्रण। छात्रों को सिखाया जाता है कि उनकी ताक़त और कला का इस्तेमाल कभी भी आक्रामकता या दूसरों को परेशान करने के लिए नहीं होना चाहिए। उन्हें अपनी ऊर्जा और शक्ति को ज़िम्मेदारी से सही दिशा में लगाना सिखाया जाता है। बच्चे धैर्य, साँस लेने के व्यायाम और नियंत्रित मूवमेंट्स के ज़रिए अपनी भावनाओं, जैसे गुस्सा या निराशा, को काबू करना सीखते हैं। यह उन्हें शांत और केंद्रित इंसान बनाता है।

बच्चों को असल ज़िंदगी में मिलने वाले फ़ायदे:

पढ़ाई में बेहतर फोकस: नियमित ट्रेनिंग से एकाग्रता और अनुशासन बढ़ता है, जिसका सीधा फ़ायदा स्कूल के प्रदर्शन पर होता है।

आत्मविश्वास में बढ़ोतरी: नई बेल्ट जीतना या मुश्किल तकनीक में महारत हासिल करना आत्म-सम्मान को बढ़ाता है।

बेहतर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य: ताइक्वांडो शरीर को मज़बूत बनाता है और तनाव को कम करता है।

झगड़ों को सुलझाने की कला: बच्चे बिना सोचे-समझे प्रतिक्रिया देने के बजाय, रुककर स्थिति का आकलन करना और समझदारी से जवाब देना सीखते हैं।

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