
कोरोना वायरस एक बार फिर से वैश्विक चिंता का कारण बन रहा है। एशियाई देशों में कोविड-19 के मामले अचानक बढ़ने लगे हैं, जिससे स्वास्थ्य एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। खासकर हांगकांग, सिंगापुर और मलेशिया जैसे देशों में संक्रमण के नए मामलों में तेज़ी दर्ज की जा रही है। विशेषज्ञ इसे कोरोना की एक और संभावित लहर मान रहे हैं।
हांगकांग के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि पिछले कुछ हफ्तों में कोविड संक्रमण के मामलों में दोगुना इजाफा हुआ है। अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। वहीं सिंगापुर में एक ही सप्ताह में संक्रमण के मामलों में करीब 90 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहां औसतन प्रतिदिन 25,000 से अधिक नए केस सामने आ रहे हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक यह वृद्धि कोविड-19 के नए वैरिएंट्स, जैसे कि KP.2 और KP.3, के कारण हो सकती है, जो ओमिक्रॉन की उप-प्रजातियां हैं। ये वैरिएंट अधिक संक्रामक माने जा रहे हैं, हालांकि अब तक की रिपोर्ट्स के अनुसार इनसे गंभीर बीमारी का खतरा अपेक्षाकृत कम है।
सिंगापुर की सरकार ने लोगों से मास्क पहनने, भीड़भाड़ से बचने और बूस्टर डोज़ लेने की सलाह दी है। वहीं हांगकांग में भी निगरानी बढ़ा दी गई है और एयरपोर्ट पर थर्मल स्कैनिंग जैसे उपायों को फिर से शुरू किया गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी इन मामलों पर नज़र रख रहा है और उसने देशों से टेस्टिंग और जीनोमिक सर्विलांस बढ़ाने को कहा है। हालांकि अब तक इस लहर को लेकर अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है।
भारत में भी स्वास्थ्य मंत्रालय ने हालात पर नज़र रखने के लिए राज्यों को अलर्ट किया है, हालांकि यहां स्थिति अभी स्थिर है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर समय रहते सावधानी बरती जाए, तो इस संभावित लहर से बचा जा सकता है।
कोविड-19 से जुड़ी यह ताज़ा चेतावनी बताती है कि वायरस अभी पूरी तरह गया नहीं है, और सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।
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