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Up kiran,Digital Desk : फल... यानी सेहत का खजाना! हम सब यही सुनते और मानते आए हैं कि फल खाने से ताकत आती है, बीमारियां दूर रहती हैं और शरीर तंदुरुस्त रहता है। यह बात सौ  सच भी है।

लेकिन कहानी में एक छोटा सा ट्विस्ट है, खासकर जब बात हमारे घर के बुज़ुर्गों की आती है। जैसे-जैसे हमारी उम्र की गाड़ी आगे बढ़ती है, हमारे शरीर का इंजन, यानी हमारा पाचन तंत्र और मेटाबॉलिज़्म, थोड़ा धीमा पड़ने लगता है। ऐसे में, जो फल जवानी में अमृत की तरह काम करते हैं, वही बुढ़ापे में ज़हर की तरह असर करने लगते हैं (जी हाँ, यह सुनने में भले ही अजीब लगे, पर सच है)।

ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) की रिपोर्ट्स भी कहती हैं कि कुछ फलों की तासीर बुढ़ापे में गठिया (अर्थराइटिस) का दर्द बढ़ा सकती है, यूरिक एसिड बढ़ा सकती है या अचानक शरीर में कमज़ोरी और शुगर लेवल को गड़बड़ा सकती है।

तो चलिए, आज जानते हैं उन 7 फलों के बारे में, जिन्हें हमारे बुज़ुर्गों को खाते समय थोड़ा सावधान रहने की ज़रूरत है।

1. तरबूज: पानी का राजा, पर कमज़ोरी का कारण!
गर्मी में ठंडा-ठंडा तरबूज... आहा! क्या कहने! यह शरीर में पानी की कमी तो पूरी करता है, लेकिन इसमें कैलोरी लगभग न के बराबर होती है। बुज़ुर्ग जब इसे ज़्यादा खाते हैं, तो उनका पेट तो भर जाता है, पर शरीर को ज़रूरी एनर्जी नहीं मिलती, जिससे थकान और लो ब्लड प्रेशर की शिकायत हो सकती है।

  • सलाह: खाएं, पर बहुत ही कम मात्रा में।

2. पपीता: पेट का 'डॉक्टर', पर बन सकता है मुसीबत!
कब्ज़ और गैस के लिए पपीता किसी 'डॉक्टर' से कम नहीं है। लेकिन इसकी पाचन को तेज़ करने की खूबी ही बुढ़ापे में दिक्कत बन सकती है। ज़्यादा पपीता खाने से डायरिया (दस्त) हो सकता है, जिससे शरीर में पानी और ज़रूरी मिनरल्स की कमी हो जाती है और भयंकर कमज़ोरी आ सकती है।

  • सलाह: कब्ज़ होने पर खाएं, पर दिन में एक-दो फांक से ज़्यादा नहीं।

3. अनानास (Pineapple): दर्द बढ़ाने वाला फल!
अनानास में मौजूद कुछ एंजाइम वैसे तो सूजन कम करते हैं, लेकिन ज़्यादा मात्रा में खाने पर यह पेट में जलन और गैस पैदा कर सकते हैं। इसकी तासीर कुछ ऐसी होती है कि यह गठिया के दर्द और सूजन को बढ़ा सकता है।

  • सलाह: अगर जोड़ों में दर्द की शिकायत है तो इसे खाने से बचें।

4. केला: तुरंत ताकत, पर छिपा हुआ खतरा!
केला, जो तुरंत एनर्जी देने के लिए मशहूर है, बुढ़ापे में थोड़ा संभलकर खाना चाहिए। इसमें पोटैशियम बहुत ज़्यादा होता है, जो ज़्यादा होने पर मांसपेशियों में ऐंठन और दिल की धड़कन को अनियमित कर सकता है। इसका मीठापन डायबिटीज को भी गड़बड़ा सकता है।

  • सलाह: दिन में आधे केले से ज़्यादा खाने से बचें।

5. अंगूर: मीठा ज़हर!
खट्टे-मीठे अंगूर के छोटे-छोटे दाने दिखने में भले ही harmless लगें, पर इनमें शुगर बहुत ज़्यादा होती है। इसे खाने से खून में शुगर का लेवल एकदम से तेज़ी से बढ़ता है और फिर उतनी ही तेज़ी से गिरता है, जिससे अचानक थकान और कमज़ोरी महसूस हो सकती है।

  • सलाह: बस स्वाद के लिए 8-10 दाने खा लिए, तो काफी है।

6. संतरा और मौसमी: एसिडिटी का घर!
विटामिन सी से भरपूर ये फल इम्यूनिटी तो बढ़ाते हैं, लेकिन इनका खट्टापन (एसिड) बुढ़ापे में पेट के लिए अच्छा नहीं होता। इससे गैस और एसिडिटी बढ़ सकती है। ज़्यादा खट्टा खाने से हड्डियां भी कमज़ोर हो सकती हैं, क्योंकि यह कैल्शियम को सोखने में दिक्कत पैदा करता है।

  • सलाह: दिन में बस एक-दो फांक लें, वो भी खाली पेट कभी नहीं।

7. सेब: खासकर ठंड में है नुकसानदायक!
"रोज एक सेब खाओ और डॉक्टर से दूर रहो," यह कहावत बुढ़ापे में, खासकर सर्दियों में उल्टी पड़ सकती है। सेब में फाइबर बहुत ज़्यादा होता है, जो बुज़ुर्गों के धीमे पाचन तंत्र के लिए पचाना मुश्किल हो जाता है। इससे पेट में भारीपन और गैस बन सकती है।

  • सलाह: सेब खाएं, पर छिलका उतारकर और कम मात्रा में।

तो क्या फल खाना बंद कर दें?
जी नहीं, बिल्कुल नहीं! बस अपने शरीर की सुननी है। हर चीज़ को सीमित मात्रा में खाना है। अगर किसी फल को खाने के बाद शरीर में कोई दिक्कत महसूस होती है, तो उसे खाने से बचना ही समझदारी है।