Up Kiran, Digital Desk: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि वह चीन के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहते हैं, लेकिन बीजिंग पर 155 प्रतिशत टैरिफ लगाने के अपने फैसले पर कोई समझौता नहीं करेंगे। ट्रंप ने व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में दिवाली के मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, "चीन पर 155 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा और मुझे नहीं लगता कि यह उनके लिए टिकाऊ है।"
उनका यह बयान चीन से अमेरिकी व्यापार संबंधों में गहरे बदलाव को दर्शाता है। ट्रंप ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि चीन इस कदम से समझेगा। उन्होंने यह भी साफ किया कि उनका उद्देश्य चीन के साथ अच्छे रिश्ते रखना है, लेकिन यह तभी संभव है जब बीजिंग ने अमेरिका के साथ अपने व्यापारिक व्यवहार में सुधार किया हो।
टैरिफ के असर और व्यापारिक समझौते:
ट्रंप ने बताया कि टैरिफ लगाने के बाद ही उन्हें यूरोपीय संघ, जापान और दक्षिण कोरिया के साथ व्यापार समझौतों पर सहमति बनाने में सफलता मिली। उन्होंने कहा, "इन समझौतों से हमें सैकड़ों अरब डॉलर मिल रहे हैं, जिससे हम अपना कर्ज़ चुकाने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।"
हालांकि, इस फैसले के बाद चीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी। चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने अमेरिका पर "दोहरे मानदंड" अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि यह कदम चीन के साथ तालमेल बैठाने का सही तरीका नहीं है।
क्या चीन से रिश्तों में और खटास आएगी?
ट्रंप के इस कदम से न केवल अमेरिका और चीन के रिश्तों में तनाव बढ़ सकता है, बल्कि यह वैश्विक व्यापार व्यवस्था को भी प्रभावित कर सकता है। हालांकि, ट्रंप ने अपनी बैठक शी जिनपिंग से रद्द नहीं की है, लेकिन उनके फैसले से यह साफ हो रहा है कि अमेरिकी प्रशासन चीन के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों में अब और लचीलापन नहीं दिखाएगा।
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