
Up Kiran, Digital Desk: आपने उपासना कामिनेनी का नाम तो सुना ही होगा, जो अपोलो हॉस्पिटल्स से भी जुड़ी हैं और स्वास्थ्य और बिज़नेस की दुनिया में काफी सक्रिय रहती हैं। वे आजकल दो बहुत ही महत्वपूर्ण चीज़ों पर ज़ोर दे रही हैं और लोगों से इन्हें अपनाने की वकालत कर रही हैं। ये दो चीज़ें हैं: 'निवारक कल्याण' (Preventive Wellness) और 'उद्देश्य-संचालित नेतृत्व' (Purpose-Driven Leadership)।
ज़रा सीधे शब्दों में समझते हैं कि इनका मतलब क्या है।
निवारक कल्याण: इसका मतलब है कि हम बीमार होने का इंतज़ार न करें, बल्कि पहले से ही अपनी सेहत का ख्याल रखें ताकि बीमार ही न पड़ें। इसमें अच्छी जीवनशैली, खान-पान, व्यायाम, समय पर जांच करवाना और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना शामिल है। उपासना जी कहती हैं कि आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में हम अक्सर अपनी सेहत को नज़रअंदाज़ कर देते हैं, जबकि इसे सबसे पहली प्राथमिकता देनी चाहिए। खुद को स्वस्थ रखकर ही हम अपना और अपने परिवार का बेहतर ध्यान रख सकते हैं और काम में भी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।
उद्देश्य-संचालित नेतृत्व: इसका मतलब है कि जो लोग लीडरशिप पोजीशन में हैं, चाहे वो बिज़नेस में हों या किसी और क्षेत्र में, वे सिर्फ मुनाफा कमाने या अपना काम पूरा करने पर ही ध्यान न दें। बल्कि उनका नेतृत्व किसी बड़े मकसद, मूल्यों और सकारात्मक प्रभाव डालने की भावना से प्रेरित होना चाहिए। ऐसे लीडर जो सिर्फ अपने बारे में नहीं सोचते, बल्कि अपनी टीम, समाज और दुनिया की भलाई के बारे में भी सोचते हैं, वे ज़्यादा भरोसेमंद होते हैं और उनकी लीडरशिप टिकाऊ होती है।
उपासना जी का मानना है कि ये दोनों बातें आपस में जुड़ी हुई हैं। जब लीडर खुद स्वस्थ होते हैं (निवारक कल्याण), तो वे बेहतर फैसले ले पाते हैं और अपनी टीम के लिए एक अच्छा उदाहरण पेश करते हैं। और जब उनका नेतृत्व किसी अच्छे मकसद से जुड़ा होता है, तो वे अपनी टीम को भी प्रेरित कर पाते हैं और एक ऐसा माहौल बनाते हैं जहाँ लोग खुश और प्रोडक्टिव हों।
उनकी वकालत का मकसद यही है कि लोग व्यक्तिगत तौर पर अपनी सेहत की ज़िम्मेदारी लें और साथ ही, जो भी लीड करें वो किसी अच्छे और बड़े मकसद के साथ करें। यह एक ऐसा विचार है जो न सिर्फ व्यक्तिगत जीवन को बेहतर बना सकता है, बल्कि हमारे कार्यस्थलों और पूरे समाज को भी सकारात्मक दिशा दे सकता है।
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