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छत्तीसगढ़ सरकार की रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) योजना से गांवों में लोगों को जीविका चलाने के लिए काम मिलने लगा है। गांवों को उत्पादन का केन्द्र और ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से शुरू की गई है ये स्कीम अब ग्रामीण इलाकों में एक सकारात्मक बदलाव लाने लगी है। गांव देहात में रहने वाले लोग रीपा के जरिए से अपनी आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में बदलाव के लिए पूरे मनोयोग जुट गए हैं।

प्रदेश सरकार की रीपा स्कीम वास्तव में सुराजी गांव योजना के अंतर्गत गांवों में निर्मित गौठान में संचालित आयमूलक गतिविधियां का अभिसरण है।

गौठानों में रीपा के जरिए से आयमूलक गतिविधियों के संचालन के लिए शासन द्वारा आधारभूत संरचनाएं एवं संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे समूह की महिलाओं एवं ग्रामीणों को स्व-रोजगार की गतिविधियों के संचालन में सहायता मिली है।

जनपद मुंगेली के एक गांव में संचालित ग्रामीण औद्योगिक पार्क में मौजूदा समय में 50 से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है। वहां अलग अलग प्रकार की आयमूलक गतिविधियों का संचालन अलग-अलग समूह कर रहे हैं। हर समूह को आजीविकामूलक गतिविधियों के संचालन के लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है। ग्राम संबलपुर के रीपा में स्व-सहायता समूह जैम-जैली, आचार, टेडी बियर, ब्लैक गार्लिक जैसे अलग अलग उत्पाद तैयार कर रहे हैं।
 

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