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Up Kiran, Digital Desk: भारत में एनकाउंटर की खबरें आम हैं, और हम अक्सर उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में ऐसी घटनाएं देखते हैं। लेकिन हाल ही में, एक ऐसी घटना घटी, जो न केवल अपने आकार के कारण चर्चा का विषय बन गई, बल्कि इसके कारणों और परिणामों ने इसे और भी महत्वपूर्ण बना दिया। यह घटना हमारे देश की नहीं, बल्कि ब्राजील के रियो डी जेनेरो की है।

रियो डी जेनेरो में ऐतिहासिक पुलिस कार्रवाई

ब्राजील के रियो डी जेनेरो में मंगलवार को संगठित अपराध के खिलाफ की गई अब तक की सबसे बड़ी पुलिस कार्रवाई में 64 लोग मारे गए। सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, इस कार्रवाई में चार पुलिसकर्मी भी अपनी जान गंवा बैठे। यह पूरी घटना रियो के उत्तरी इलाकों में स्थित एलेमाओ और पेनहा कॉम्प्लेक्स फेवेला क्षेत्रों में हुई, जो कुख्यात अपराधी संगठन "कमांडो वर्मेल्हो" (रेड कमांड) के प्रभाव क्षेत्र में आते हैं। इस ऑपरेशन के दौरान भारी मात्रा में ड्रग्स और हथियारों की तस्करी का खुलासा हुआ।

रेड कमांड का प्रभाव और उत्पत्ति

कमांडो वर्मेल्हो, जिसे रेड कमांड के नाम से भी जाना जाता है, 1985 में ब्राजील में सैन्य तानाशाही के दौरान जेलों में बने वामपंथी कैदियों के संगठन से उभरा था। आज यह ब्राजील का सबसे पुराना और सबसे शक्तिशाली सक्रिय अपराधी नेटवर्क बन चुका है। इस संगठन के खिलाफ पुलिस द्वारा की गई यह कार्रवाई एक साल से अधिक समय से तैयार की जा रही थी, और इसमें 2,500 से अधिक पुलिसकर्मी और सैन्य बल शामिल थे।

सैन्य और पुलिस का सामूहिक प्रयास

ब्राजील के गवर्नर क्लाउडियो कास्ट्रो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह ऑपरेशन रियो डी जेनेरो के इतिहास का सबसे बड़ा पुलिस अभियान था। अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि 42 से अधिक राइफलें और भारी मात्रा में ड्रग्स जब्त किए गए। कास्ट्रो ने इस अभियान को रेड कमांड के क्षेत्रीय विस्तार को रोकने के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। इस कार्रवाई के दौरान पुलिस को भी भारी चुनौती का सामना करना पड़ा, जिसमें गली-गली में गोलाबारी और हिंसा के मामले सामने आए।