
लखनऊ। इजराइली स्पाइवेयर पेगासस के जरिये कई प्रमुख लोगों की कथित जासूसी (Detective Scandal) को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार की नींद हराम कर राखी है। विपक्षी पार्टियां लगातार प्रधांनमंत्री और गृहमंत्री पर निशाना साध रही हैं। जासूसी कांड को लेकर संसद से सड़क तक हंगामा हो रहा है। मंगलवार को सपा और बसपा ने सरकार पर हमला करते हुए इसे निजता के अधिकार का उल्लंघन करार दिया और मामले की निष्पक्ष जाँच कराने की मांग की है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि फोन की जासूसी (Detective Scandal) करवाकर लोगों की व्यक्तिगत बातों को सुनना निजता के अधिकार का घोर उल्लंघन है। अगर ये काम बीजेपी करवा रही है तो ये दंडनीय है और अगर बीजेपी सरकार ये कहती है कि उसे इसकी जानकारी नहीं है तो ये राष्ट्रीय सुरक्षा पर उसकी नाकामी है। फोन-जासूसी एक लोकतांत्रिक अपराध है।
इसी तरह बीएसपी सुप्रीमों मायावती ने कहा कि जासूसी (Detective Scandal)का गंदा खेल व ब्लैकमेल आदि कोई नई बात नहीं, किन्तु काफी महंगे उपकरणों से निजता भंग करके मंत्रियों, विपक्षी नेताओं, अफसरों और पत्रकारों आदि की जासूसी करना अति-गंभीर व खतरनाक मामला है, जिसका भण्डाफोड़ हो जाने से देश में भी खलबली मची है। बीएसपी सुप्रीमों ने कहा कि इस संबंध में केंद्र की सफाई व तर्क लोगों के गले नहीं रहा है। मामले की स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच कराई जाए ताकि आगे जिम्मेदारी तय की जा सके।
उल्लेखनीय है कि इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के जरिए राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं, केंद्रीय मंत्रियों और पत्रकारों आदि की कथित जासूसी (Detective Scandal) को लेकर कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस ने बीजेपी को ‘भारतीय जासूस पार्टी’ करार देते हुए इस मामले में पीएम मोदी के खिलाफ जांच और गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की है। वहीँ बीजेपी ने मानसून सत्र से ठीक पहले रिपोर्ट आने के पीछे अंतर्राष्ट्रीय साजिश की शंका व्यक्त की है।
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