चीन और वहां रिपोर्ट किए गए अलग अलग प्रकार के वायरस संक्रमण अब विश्वव्यापी जिज्ञासा और चिंता का विषय बन गए हैं। दरअसल बर्ड फ्लू पक्षियों की एक बीमारी है। हालांकि, चीन में हाल ही में बर्ड फ्लू से इंसानों की मौत की खबरें आई हैं।
चीन में तीन लोग इन्फ्लूएंजा के 'H3N8' स्ट्रेन से संक्रमित थे, जिसे बर्ड फ्लू भी कहा जाता है। इनमें से एक की हाल ही में मौत हो गई है। इस संक्रमण को 'एवियन इन्फ्लुएंजा' के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि बर्ड फ्लू पक्षियों में मौत का एक आम कारण है, यह पहली ज्ञात मानव मृत्यु है। इसी पृष्ठभूमि में WHO ने गाइडलाइंस जारी की है।
बर्ड फ्लू क्या है?
बर्ड फ्लू को एवियन इन्फ्लूएंजा के नाम से भी जाना जाता है। यह संक्रमण H3N8 वायरस प्रकार के कारण होता है। यह संक्रमण आमतौर पर मुर्गियों, मोर, टर्की, बत्तख जैसे पक्षियों में होता है और संक्रमित पक्षियों के संपर्क में इंसानों के आने का भी खतरा होता है। बर्ड फ्लू के लक्षण किसी वायरल बीमारी यानी बुखार जैसे ही होते हैं। रोगी को सांस लेने में कठिनाई होती है। निरंतर उल्टी जैसा महसूस होना। इसके सामान्य लक्षणों में बुखार, कफ, सिरदर्द, गले में खराश, पेट में कीड़े, जुकाम, निमोनिया जैसे लक्षण और आंखों में जलन शामिल हैं।
चीन में क्या हुआ?
फरवरी के अंतिम सप्ताह में, चीन के गुआंग्डोंग प्रांत में एक 56 वर्षीय महिला H3N8 से संक्रमित हुई थी। उसे निमोनिया जैसे गंभीर लक्षणों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मार्च में इलाज के दौरान उसकी अस्पताल में मौत हो गई थी। यह महिला मुर्गी पालन का व्यवसाय करती थी। वायरल बीमारियों में आमतौर पर देखे जाने वाले सभी लक्षण उनमें थे, मगर कोरोना की तरह कम से कम उनके करीबी संपर्कों में से किसी में भी इस बीमारी के कोई लक्षण नहीं दिखे।
इस महिला के साथ चीन में दो और लोगों के इस बीमारी से संक्रमित होने की सूचना मिली है। हालांकि, उनके करीबी रिश्तेदारों में भी संक्रमण के कोई लक्षण नहीं हैं। इसलिए, विश्व स्वास्थ्य संगठन इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि यह रोग एक रोगी से दूसरे रोगी में फैलने की क्षमता के मामले में कमजोर और कम खतरनाक है।
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