कभी जिगरी दोस्त था इजरायल, अब दुनिया से नामोनिशान मिटाना चाहता है ईरान; जानें क्यों

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बीती एक तारीख को सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरान के दूतावास पर एक संदिग्ध एयर स्ट्राइक हुई थी। इस अटैक के लिए ईरान ने इजरायल को गुनहगार ठहराते हुए 13 अप्रैल की रात्रि को इजरायल पर बड़ा प्रहार किया था, जिसे देखकर पूरी दुनिया हैरान रह गई थी। हालांकि इजरायल ने अभी तक इस हमले का कोई भी जवाब नहीं दिया है।

कभी काफी अच्छे हुआ करते थे इजारयल से रिश्ते

कई जानकारों की ओर से बताया जा रहा है कि इजरायल ईरान पर हमले की तैयारी में है। ईरान और इजरायल के बीच मौजूदा हालात को देखते हुए आपमें से कई लोग सोच रहे होंगे कि आखिर इजरायल और ईरान का विवाद क्या है जिसके लिए ईरान इजरायल का नमाो-निशान मिटाना चाहता है एक समय पर इजरायल और ईरान के संबंध बहुत अच्छे हुआ करते थे।

सन् 1979 में ईरान के पश्चिम समर्थक नेता मोहम्मद रजा शाह इजरायल को एक सहयोगी मानते थे। तत्पश्चात, ईरान में एक इस्लामिक क्रांति हुई जिसके बाद मोहम्मद रजा शाह ईरान की सत्ता से बेदखल हो गए और उनके सत्ता के बाहर जाते ही ईरान के साथ इजरायल के रिश्ते नीचे गिरते चले गए क्योंकि ईरान की सरकार इस्लामिक सिद्धांतों पर चलने लगी।

फिर 1982 में जब इजरायल ने लेबनान पर अटैक किया तब ईरान के सुरक्षाबलों ने इजरायल की सरहद पर हिजबुल्ला नामक संगठन खड़ा करने में अपना पूरा योगदान दिया। ये गिरोह आज भी इजरायल के लिए सिर दर्द बना हुआ है। सन् 2006 में इजरायल ने लेबनान के हिजबुल्ला गिरोह को कुचलने के लिए एक महीने तक जंग की, मगर नाकाम रहा क्योंकि ईरान हिजबुल्ला को अपना पूरा समर्थन दे रहा था। ईरान अपने आप को इस्लामिक दुनिया का मुखिया समझता है, इसलिए उसका मानना है कि इजरायल ने मुस्लिमों की जमीन पर कब्जा कर रखा है।

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