आषाढ़ मास खत्म होने की तिथि पर हैं जैसा की हम सब जानते हैं की पूर्णिमा इस वर्ष 24 जुलाई दिन शनिवार को है। आषाढ़ पूर्णिमा (Ashadh Purnima) के दिन ही वेद व्यास जी का जन्म हुआ था। उन्होंने मानव जाति को चारों वेदों का ज्ञान दिया था और सभी पुराणों की रचना की थी। उनके महान योगदान को देखते हुए आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रुप में मनाते हैं।
गुरु पुर्णिमा के दिन गुरु की पूजा की जाती है। जो लोग आषाढ़ पूर्णिमा का व्रत रखते हैं, वे भगवान विष्णु की आराधना करते हैं और सत्यनारायण भगवान की कथा का श्रवण करते हैं। आइए जानते हैं आषाढ़ पूर्णिमा (Ashadh Purnima) का शुभ मुहूर्त के बारे में।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 23 जुलाई दिन शुक्रवार को दिन में 10 बजकर 43 मिनट से हो रहा है। इसका समापन 24 जुलाई को सुबह 08 बजकर 06 मिनट पर हो रहा है। उदया तिथि मान्य होती है, इसलिए आषाढ़ पूर्णिमा (Ashadh Purnima) या गुरु पूर्णिमा 24 जुलाई दिन शनिवार को है।
आषाढ़ पूर्णिमा (Ashadh Purnima) के दिन दो योग बन रहे हैं। 24 जुलाई को सुबह में 6 बजकर 12 मिनट से प्रीति योग बन रहा है, जो 25 जुलाई को तड़के 03 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। प्रीति योग को शुभ माना जाता है, इसलिए यह शुभ मुहूर्त है।
24 जुलाई को सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। इस दिन दोपहर 12 बजकर 40 मिनट से अगले दिन 25 जुलाई को प्रात: 05 बजकर 39 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। यह विशेष कार्यों की सिद्धि के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त माना जाता है।
आषाढ़ पूर्णिमा के दिन चंद्रमा का उदय शाम को 07 बजकर 51 मिनट पर होगा। हालांकि चंद्र के अस्त होने का समय प्राप्त नहीं हो रहा है।
इस दिन राहुकाल सुबह में ही है। आषाढ़ पूर्णिमा (Ashadh Purnima) के दिन राहुकाल प्रात: 09 बजकर 03 मिनट से सुबह 10 बजकर 45 मिनट तक है। राहुकाल में शुभ कार्य करने की मनाही होती है।