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चीन की बढ़ती आक्रमकता से आज हर देश परेशान है। ऐसे में भारत ने भी एक बड़ा कदम उठाया है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 7 नवंबर को अपने मलेशियाई समकक्ष झामरी अब्दुल कादिर से मुलाकात की है।

बता दें, मलेशिया भी उन देशों में से एक है जो दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती आक्रामकता से काफी परेशान है। ऐसे में जयशंकर की मुलाकात मलेशियाई विदेश मंत्री से बहुत अहम मानी जा रही है। दोनों देशों ने रक्षा, व्यापार, निवेश और ऊर्जा के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यापक बातचीत भी की है।

अवगत करा दें कि मलेशियाई विदेश मंत्री इन दिनों भारत दौरे पर हैं। दोनों मंत्रियों ने छठी ज्वाइंट कमीशन मीटिंग में अपनी बातचीत में पश्चिम एशिया, भारत प्रशांत और आपसी हित के अन्य क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों की वर्तमान स्थिति पर भी विचार विमर्श किया है। बता दें, मलेशियाई विदेश मंत्री 6 नवंबर को तीन दिवसीय यात्रा पर दिल्ली पहुंचे हैं। जीसीएम लगभग 12 वर्षों के अंतराल के बाद हुआ। इस दौरान जयशंकर ने बैठक में कहा, मलेशिया हमारे लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण रणनीतिक भागीदार है। हम आपके टॉप टेन व्यापारिक भागीदारों में से एक हैं और आप आसियान में हमारे तीसरे सबसे बड़े भागीदार हैं।

विदेश मंत्री ने कहा कि डिजिटल डोमेन, रिन्यूएबल एनर्जी, सेमीकंडक्टर और अंतरिक्ष जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग तलाशने की गुंजाइश है। हमने हमेशा आसियान के साथ अपने बड़े संबंधों के लिए आपके समर्थन को महत्व दिया है। विचार विमर्श का मुख्य फोकस दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाना था। 

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