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उत्तराखंड में तीर्थ यात्रा के लिए होटलों की बुकिंग शुरू हो चुकी है। यात्रा को देखते हुए होटल मालिकों ने जोशीमठ संकट में बेघर हुए लोगों को 31 मार्च तक कमरे खाली करने का आदेश जारी किया है. हालांकि प्रशासन ने बताया कि पीड़ित लोगों को भीतर रखने की अवधि बढ़ाने के लिए सरकार को लिखा गया है। मगर सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

जनवरी के पहले सप्ताह में जोशीमठ में भूस्खलन बढ़ने से लोग होटल-धर्मशालाओं और किराए के मकानों में रहने लग गए। होटलों में सरकार एक कमरे का 950 रुपये किराया दे रही है। जो किराए के मकान में रह रहे हैं उन्हें पांच हजार रुपए दिए जा रहे हैं। जोशीमठ नगर पालिका क्षेत्र के अलग अलग होटलों व धर्मशालाओं में 181 परिवारों के 694 सदस्य ठहरे हुए हैं. उनके खाने-पीने का भी इंतजाम किया गया है।

नगर पालिका गेस्ट हाउस में रह रही 5 फैमिली को सरकार भोजन मुहैया करवा रही है. वहीं होटलों में ठहरे लोगों के लिए वहीं खाने की व्यवस्था की गई है।

सरकार ने 31 मार्च तक जोशीमठ पीड़ितों को होटलों में ठहरने की व्यवस्था की थी। लास्ट डेट नजदीक आते ही होटल स्वामियों ने पीड़ितों को कमरे खाली करने के लिए कहना शुरू कर दिया है।

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