img

Up Kiran, Digital Desk: अखरोट को कभी "ब्रेन फूड" कहा जाता है, तो कभी "हृदय का रखवाला"। कारण साफ है। इस छोटे-से मेवे में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, हेल्दी फैट, ओमेगा-3 फैटी एसिड और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व भरपूर पाए जाते हैं। यही वजह है कि डॉक्टर और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट अक्सर अखरोट को डाइट में शामिल करने की सलाह देते हैं। लेकिन एक सवाल कई लोगों के मन में बना रहता है कि अखरोट कैसे खाया जाए, भिगोकर या फिर सीधे?

भीगे हुए अखरोट: पाचन के लिए वरदान

अगर किसी को गैस, फुलाव (ब्लोटिंग) या भारीपन जैसी समस्या रहती है तो भीगे हुए अखरोट उनके लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकते हैं। असल में, कच्चे अखरोट में फाइटिक एसिड और टैनिन जैसे तत्व होते हैं, जो कुछ लोगों के लिए पचाना मुश्किल बना देते हैं। पानी में रातभर भिगोने से ये तत्व काफी हद तक टूट जाते हैं, जिससे अखरोट हल्के और सुपाच्य हो जाते हैं।

पोषण का बेहतर अवशोषण

भिगोने का एक और फायदा यह है कि शरीर अखरोट में मौजूद पोषक तत्वों को आसानी से सोख पाता है। साथ ही, इनका स्वाद भी थोड़ा बदल जाता है। जिन लोगों को कच्चे अखरोट की हल्की कड़वाहट पसंद नहीं आती, उनके लिए पानी में भीगे हुए अखरोट बिल्कुल सही विकल्प हैं।

बिना भिगोए खाने के भी फायदे

अब इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं कि बिना भिगोए अखरोट खाना नुकसानदायक है। जिन लोगों को पाचन संबंधी कोई शिकायत नहीं है, वे कच्चे अखरोट खा सकते हैं। दरअसल, बिना भिगोए अखरोट खाने का सबसे बड़ा फायदा है उसका कुरकुरापन और चबाने का स्वाद।

कब और कितने खाने चाहिए अखरोट

विशेषज्ञों का कहना है कि औसतन रोजाना 2 से 4 अखरोट का सेवन पर्याप्त है। अगर आप इन्हें भिगोकर खाना चाहते हैं तो रात को एक गिलास पानी में डालकर रख दें और सुबह खाली पेट खा लें। यह तरीका शरीर से "खराब कोलेस्ट्रॉल" कम करने में मदद करता है और दिल की सेहत के लिए भी फायदेमंद साबित होता है।

--Advertisement--