Up kiran,Digital Desk : यह रहा इंडोनेशिया में आई कुदरती आफत पर एक इमोशनल और नेचुरल टोन में लिखा गया आर्टिकल। इसे पढ़कर आपको वहां के हालात और लोगों के दर्द का एहसास होगा।
प्रकृति जब अपना रौद्र रूप दिखाती है, तो इंसान बेबस नजर आता है। कुछ ऐसा ही दिल दहला देने वाला नजारा हमारे पड़ोसी समुद्री देश इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप पर देखने को मिल रहा है। वहां मूसलाधार बारिश ने ऐसी तबाही मचाई है कि नदियां अपने किनारों को तोड़कर रिहायशी इलाकों में घुस गईं और पहाड़ दरक कर घरों पर आ गिरे।
पुलिस और राहत बचाव दल के मुताबिक, इस हादसे में अब तक कम से कम 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 6 लोग अभी भी लापता हैं। मलबा इतना ज्यादा है कि उन्हें ढूंढना किसी चुनौती से कम नहीं है।
कीचड़ में दफन हो गए सपने
हादसे की जो कहानियां सामने आ रही हैं, वे काफी डरावनी हैं। पुलिस ने बताया कि सिबोल्गा (Sibolga) शहर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां बचाव कर्मियों ने कीचड़ के ढेर से पांच शव बाहर निकाले हैं। वहीं, पड़ोसी जिले 'मध्य तपनौली' में एक पूरा परिवार ही ख़त्म हो गया। एक घर पर पहाड़ का मलबा और चट्टानें ऐसी गिरीं कि उसके अंदर मौजूद चार लोगों के परिवार को भागने तक का मौका नहीं मिला। वे वहीं दफन हो गए।
बारिश का कहर यहीं नहीं रुका। करीब 2,000 घर और इमारतें पानी में डूब गई हैं। दक्षिण तपनौली जिले में पेड़ गिरने से एक ग्रामीण की जान चली गई। नियास द्वीप का हाल भी बुरा है, वहां सड़कों पर इतना मलबा आ गया है कि मुख्य रास्ता पूरी तरह बंद हो चुका है, जिससे मदद पहुँचने में देरी हो रही है।
"अभी और खतरा बाकी है"
हालात इतने खराब हैं कि प्रशासन को सख्त कदम उठाने पड़े हैं। सिबोल्गा के पुलिस प्रमुख, एडी इंगंटा ने लोगों को चेतावनी दी है। उनका कहना है कि "बारिश अभी रुकी नहीं है और खतरा बना हुआ है। इसलिए हाई रिस्क वाले इलाकों में रहने वाले लोग तुरंत अपने घर खाली कर दें और सुरक्षित शिविरों में चले जाएं।" वहां कई घर और कैफे भूस्खलन की भेंट चढ़ चुके हैं।
बचाव दल खुद जूझ रहा मुसीबतों से
सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि मौसम अब भी खराब है। लगातार हो रही बारिश और जगह-जगह रास्तों के बंद होने की वजह से बचाव दल (Rescue Teams) प्रभावित इलाकों तक मुश्किल से पहुँच पा रहा है।
आपको बता दें कि इंडोनेशिया इन दिनों कुदरत की दोहरी मार झेल रहा है। अभी कुछ ही घंटे पहले, देश की आपदा एजेंसी ने जावा द्वीप पर राहत कार्य ख़त्म होने का ऐलान किया था, जहाँ भूस्खलन में 38 लोगों की जान चली गई थी। वहां के जख्म अभी भरे भी नहीं थे कि अब सुमात्रा द्वीप पर यह नई मुसीबत आ गई है। फिलहाल पूरा देश दुआ कर रहा है कि जो लोग लापता हैं, वे सुरक्षित मिल जाएं।
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