Up kiran,Digital Desk : गोपालगंज से एक दिल दहला देने वाली और बेहद दुखद खबर सामने आई है। बचपन में पेड़ पर चढ़ना और फल तोड़कर खाना हम सबकी यादों में बसा है, लेकिन यही खेल 10 साल के मासूम शहादत हुसैन के लिए जानलेवा साबित हुआ। एक अमरूद तोड़ने की कोशिश ने एक परिवार की सारी खुशियां छीन लीं।
क्या हुआ था उस शाम?
घटना फुलवरिया थाना क्षेत्र के छतु बथुआ गांव की है। 10 साल का शहादत (पुत्र अजहरुद्दीन अंसारी) 5वीं कक्षा में पढ़ता था। बुधवार की शाम वह अन्य बच्चों की तरह खेल रहा था। खेलते-खेलते वह एक अमरूद के पेड़ पर चढ़ गया। लेकिन तभी उसका पैर फिसला और वह ऊंचाई से सीधे नीचे आ गिरा।
चोट इतनी गहरी थी कि वह वहीं तड़पने लगा। परिवार वाले घबरा गए और आनन-फानन में उसे फुलवरिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर भागे। वहां डॉक्टरों ने हालत नाजुक देखी तो उसे तुरंत गोपालगंज सदर अस्पताल रेफर कर दिया। माता-पिता ने बहुत दुआएं मांगीं, लेकिन शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। इलाज के दौरान गुरुवार को इस नन्हे छात्र ने हमेशा के लिए अपनी आंखें मूंद लीं।
माँ की चीत्कार से रो पड़ा पूरा गांव
- माँ का हाल: शहादत की मां नूरजहां बेगम अपने जिगर के टुकड़े को कफन में देख दहाड़ मारकर रोने लगीं। उनका रोना देखकर पत्थर दिल इंसान भी पिघल जाए।
- पिता बेसुध: पिता अजहरुद्दीन अंसारी सदमे में हैं और बार-बार बेहोश हो रहे हैं। उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा कि उनका हंसता-खेलता बेटा अब इस दुनिया में नहीं है।
पूरे गांव में इस वक्त मातम पसरा हुआ है। किसी के घर चूल्हा नहीं जला।
स्कूल में दो मिनट का मौन
शहादत, पकड़ी बाजार के एक प्राइवेट स्कूल का होनहार छात्र था। जैसे ही उसकी मौत की खबर स्कूल पहुंची, वहां भी सन्नाटा छा गया। प्रिंसिपल अताउल्लाह और सभी शिक्षकों ने बच्चों के साथ मिलकर 2 मिनट का मौन रखा और उस नन्ही जान को श्रद्धांजलि दी।
यह घटना हर माता-पिता के लिए एक सबक भी है कि बच्चों को खेलकूद के दौरान नजरअंदाज न करें, क्योंकि हादसे कभी भी बताकर नहीं आते।
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