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Up Kiran, Digital Desk: छपरा जिले की गलियों से निकलकर सफलता की नई कहानी रचने वाली लालती देवी आज बिहार में महिला सशक्तिकरण की मिसाल बन चुकी हैं। कभी बेरोजगार रही लालती अब मशरूम के छोटे से कारोबार को उद्यम में बदल चुकी हैं। खास बात ये है कि इस पूरी यात्रा की शुरुआत यूट्यूब से हुई।

एक यूट्यूब वीडियो से बदली जिंदगी

एकमा प्रखंड की रहने वाली लालती देवी की जिंदगी में उस समय बदलाव आया, जब उन्होंने यूट्यूब पर मशरूम उत्पादन और उससे बने उत्पादों की जानकारी देखी। उसी समय उन्होंने तय कर लिया कि वह खुद कुछ करेंगी, और दूसरों को भी साथ लेकर चलेंगी। जीविका समूह से जुड़ने के बाद उन्हें प्रशिक्षण मिला और ₹50,000 का लोन भी मिला। यहीं से शुरू हुआ उनका कारोबारी सफर।

सीजनल खेती से लेकर प्रोसेस्ड प्रोडक्ट्स तक

शुरुआत में लालती ने सिर्फ मशरूम को सब्जी के रूप में बेचना शुरू किया था। लेकिन उन्होंने यहीं रुकना नहीं चुना। उन्होंने मशरूम से पापड़, अचार, बिस्किट और पाउडर जैसे कई नए उत्पाद तैयार करने शुरू किए। इसके बाद आय में तेजी से इजाफा हुआ। वह बताती हैं कि आज उनकी सालाना आमदनी डेढ़ से दो लाख रुपये तक हो जाती है। अगर पूरे साल उत्पादन करने की सुविधा हो जाए, जैसे कि मशरूम के लिए एसी की व्यवस्था, तो यह कमाई कई गुना बढ़ सकती है।

ऑनलाइन मार्केट में भी है अच्छी पकड़

लालती सिर्फ मेलों या हाट बाजारों तक सीमित नहीं हैं। सोनपुर मेला, सरस मेला और गांधी मैदान जैसे बड़े आयोजनों में उनके स्टॉल लगते हैं, लेकिन उनके उत्पादों की मांग अब डिजिटल दुनिया तक भी पहुंच चुकी है। ग्राहक ऑनलाइन ऑर्डर देकर उनके द्वारा बनाए गए मशरूम उत्पादों को मंगवा रहे हैं।

रोजगार का भी बनीं जरिया

आज लालती न सिर्फ खुद आत्मनिर्भर बनी हैं, बल्कि उन्होंने पांच अन्य महिलाओं को भी अपने साथ जोड़ लिया है। वह कहती हैं कि जो महिलाएं इस तकनीक को सीखना चाहती हैं, उनके लिए वह दरवाजे खोल चुकी हैं। वे खुद प्रशिक्षण देती हैं और उम्मीद करती हैं कि और भी महिलाएं इससे प्रेरणा लें।

 

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