Up Kiran, Digital Desk: एक समय था जब हार्ट अटैक या दिल की बीमारियों को अधेड़ या बुजुर्ग उम्र की समस्या माना जाता था। लोग सोचते थे कि यह 50-60 साल की उम्र के बाद ही होता है, लेकिन अब यह सोच पुरानी हो गई है। आजकल जो तस्वीर सामने आ रही है, वह काफी चिंताजनक है। डॉक्टर हैरान हैं कि अब 20 से 30 साल के नौजवान भी हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट जैसी गंभीर समस्याओं के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं।
चिंता की बात यह है कि यह कोई एक-दो मामले नहीं हैं, बल्कि यह एक बड़े संकट की तरफ इशारा कर रहा है जो भारत के युवाओं के बीच फैलता जा रहा है।
आखिर युवाओं का दिल क्यों हो रहा है कमजोर?
डॉक्टरों का मानना है कि इसके पीछे सबसे बड़ी वजह हमारी बदली हुई जीवनशैली है। पुणे के एक जाने-माने कार्डियोलॉजिस्ट, डॉ. जगजीत देशमुख का कहना है कि डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर और काम का तनाव जैसी समस्याएं युवाओं में दिल की बीमारियों को बढ़ा रही हैं।
एक चौंकाने वाली रिपोर्ट के मुताबिक, 25 से 35 साल की उम्र के 13% युवा डायबिटीज के मरीज हैं, 25% प्री-डायबिटिक रेंज में हैं और 28% युवाओं का कोलेस्ट्रॉल लेवल खतरनाक रूप से बढ़ा हुआ है।
खराब खानपान, तनाव और नींद की कमी का खतरनाक कॉकटेल
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में घर के खाने की जगह डिब्बाबंद और फास्ट फूड ने ले ली है। डॉ. देशमुख के अनुसार, ज्यादा चीनी वाले ड्रिंक्स और पैकेट वाले खाने में खराब फैट, नमक और चीनी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जो सीधे तौर पर कोलेस्ट्रॉल, वजन और डायबिटीज के खतरे को बढ़ाती है। ये सभी चीजें दिल की बीमारियों की पहली सीढ़ी हैं।
इसके अलावा, घंटों तक एक ही जगह पर बैठे रहना, एक्सरसाइज न करना और तनाव में रहना भी एक बड़ी वजह है। लंबे समय तक बैठे रहने से शरीर में फैट जमा होता है और खून का बहाव भी ठीक से नहीं होता। वहीं, लगातार तनाव में रहने से शरीर में ऐसे हॉर्मोन्स बढ़ते हैं जो ब्लड प्रेशर बढ़ाकर दिल पर दबाव डालते हैं। देर रात तक ऑफिस का काम, सोशल मीडिया और वेब सीरीज देखने की आदत ने हमारी नींद भी छीन ली है, जिससे शरीर को आराम नहीं मिल पाता और दिल की सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
सिर्फ़ आदतें ही नहीं, जीन्स (Genetics) भी हैं एक कारण
जीवनशैली के अलावा परिवार का मेडिकल इतिहास भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिन नौजवानों के परिवार में किसी को पहले से दिल की बीमारी रही है, उनमें इसका खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, डॉक्टर मानते हैं कि सही खानपान और अच्छी जीवनशैली अपनाकर इस खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है या टाला जा सकता है।
युवाओं को क्या करना चाहिए?
अच्छी खबर यह है कि हम छोटी-छोटी आदतों में बदलाव करके अपने दिल को स्वस्थ रख सकते हैं:
डॉक्टरों का साफ कहना है कि जागरूकता ही असली बचाव है। अब दिल की देखभाल के लिए बुढ़ापे का इंतजार नहीं करना है, इसकी शुरुआत जवानी से ही करनी होगी।
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